पटना : श्रम संसाधन विभाग ने नियोजन एवं प्रशिक्षण क्षेत्र में दो परिवर्तन करने की पहल की है. पहली पहल है कि जो विद्यार्थी आइटीआइ में दो वर्ष का प्रशिक्षण लेते हैं. उनकी डिग्री इंटर के समकक्ष बनायी जाये.
इससे हर वर्ष करीब 60 हजार विद्यार्थियों को इंटर की डिग्री मिल जायेगी. दूसरा विभाग आइटीआइ में प्रवेश परीक्षा के तरीके में परिवर्तन करने जा रहा है. इसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. इसके लिए विभाग ने कार्यालय आदेश जारी कर दिया है.
उच्चस्तरीय कमेटी गठित : गुजरात के समान श्रम संसाधन विभाग ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है. श्रम संसाधन निदेशालय के निदेशक, नियोजन एवं प्रशिक्षण पटना को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है.
कमेटी के सदस्यों में बिहार कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक, श्रम संसाधन निदेशालय के संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण और शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव स्तर के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है. कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार आइटीआइ कोर्स की मान्यता देगी.
वर्तमान व्यवस्था : आइटीआइ में 10वीं उत्तीर्ण का नामांकन होता है. दो वर्ष कोर्स करने के बाद उन्हें तकनीकी डिग्री मिल जाती है. ऐसे छात्र अगर ऊपर की शिक्षा हासिल करना चाहते हैं, तो उनके लिए दरवाजा बंद हो जाता है. ड्राफ्टमैन (मैकेनिकल), सव्रेयर, फिटर, टर्नर, मेकेनिस्ट, वायरमैन, मैकेनिकल (रेडियो एवं टीवी), मैकेनिकल (इलेक्ट्रॉनिक), वायरलेस ऑपरेटर व मैकेनिक मोटर व्हेकिल जैसे कोर्स दो वर्ष के होते हैं.
अगर सरकार इसे अंतिम रूप देती है, तो ऐसे कोर्स करनेवाले विद्यार्थी अब स्नातक स्तर की शिक्षा पा सकते हैं या इंटर स्तर की नौकरियों में आवेदन कर सकते हैं. राज्य में सरकारी क्षेत्र में 59 और निजी क्षेत्र में 500 आइटीआइ संचालित होते हैं. यहां से करीब 60 हजार विद्यार्थी दो वर्षीय कोर्स करते हैं.