पटना: लोकसभा चुनाव में सीटों पर समझौता के लिए वाम दलों की बैठक बेनतीजा रही. बैठक में सीपीआइ-सीपीएम के जदयू के साथ समझौते के सुझाव को भाकपा माले ने सिरे से खारिज कर दिया. माले नेता ने कहा है कि सत्ताधारी दल के साथ गंठबंधन से वाम एकता संभव नहीं है.
जमाल रोड स्थित माकपा कार्यालय में आयोजित वामदलों की बैठक में सीपीएम और सीपीआइ के जदयू के साथ गंठबंधन की संभावनाओं को खुला रखने पर माले नेताओं के साथ तीखी बहस हुई. माले नेताओं ने बताया कि सत्ताधारी दल के साथ गंठबंधन वामपंथ के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा.
माले नेताओं ने कहा कि जिस दल के खिलाफ राज्य की जनता आठ साल से संघर्ष कर रही है उसके साथ समझौता करना संघर्षरत जनता के साथ धोखा होगा. वामदलों की बैठक में लिए गये निर्णय को भाकपा के पूर्व राज्य सचिव बद्रीनारायण लाल ने कहा कि बैठक में सिर्फ समझ का आदान-प्रदान हुआ है. उन्होंने कहा कि बैठक में गैर कांग्रेस और गैर भाजपा दलों के साथ गंठबंधन को आगे बढ़ाने पर भाकपा और माकपा की सहमति है. प्रयास होगा कि चुनाव में वाम दल की एकता बने. बैठक में भाकपा के बद्रीनारायण लाल और जितेंद्र नाथ, माकपा के अरुण कुमार मिश्र और विजयकांत ठाकुर और भाकपा माले के धीरेंद्र झा और राजाराम मौजूद थे.
किसकी कहां तैयारी
भाकपा बेगूसराय, बांका, मधुबनी, गया और मोतिहारी. समझौता नहीं होने पर जहानाबाद समेत अन्य चार जगहों से चुनाव लड़सकती है.
माकपा बेतिया, उजियारपुर, दरभंगा सहित दो अन्य जगहों पर उम्मीदवार देने की तैयारी की है.
भाकपा आरा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, माले दरभंगा, सीवान, समस्तीपुर, पूर्णिया, कटिहार, नालंदा सहित 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.