पटना/कोलकाता: कोलकाता गैंगरेप की पीड़िता के परिजनों को बिहार सरकार की ओर से आर्थिक सहायता देने पर पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीमी के एतराज से यहां की राजनीति गरमा गयी है. बिहार के मंत्रियों ने शुक्रवार को इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को जो कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी, उसने वह नहीं की. अब बिहार सरकार की आर्थिक सहायता को गलत बता रही है. बिहार के अधिकारियों ने भी प बंगाल के मंत्री की प्रतिक्रिया पर आश्चर्य जताया. हालांकि, डीजीपी अभयानंद ने इस मामले पर कुछ भी खुल कर बोलने से इनकार किया. उन्होंने कहा, यह सरकार के स्तर का मामला है. इस पर मुख्यमंत्री, मंत्री व राजनेता ही कुछ प्रतिक्रिया दे सकते हैं.
समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने कहा कि यह तो मदद है. उन्हें भी करनी चाहिए. बेटी किसी की भी हो, वह न तो दूसरे राज्य की बेटी होती है और न ही किसी दूसरे समाज की. अगर उसके साथ दुष्कर्म हुआ है, तो वह गलत है. मानवता के नाते हर किसी को मदद करनी चाहिए. पीड़ित परिवार परेशानी में है. ऐसे में उसे मदद की सख्त आवश्यकता है. वहां की सरकार को भी आगे बढ़ कर मदद करनी चाहिए.
खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने भी पश्चिम बंगाल के मंत्री के बयान पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल सरकार पहले पीड़ित परिवार को मदद करे. इसके बाद अन्य बात करे. पीड़िता परिवार बिहार से संबंधित है. ऐसे में मदद करना हमारी जिम्मेवारी है. उन्हें भी मदद के लिए आगे आना चाहिए. किसी की मदद का विरोध जायज नहीं.
डीजीपी अभयानंद ने मदद की आलोचना करने पर कुछ बोलने के बजाय पश्चिम बंगाल पुलिस से अनुसंधान में तेजी लाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर पीड़ित परिवार को कानूनी मदद के लिए स्पेशल ब्रांच के जीएस गंगवार को वहां भेजा गया था. वह वहां की पुलिस के संपर्क में हैं.
इससे पहले कोलकाता में पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि पीड़ित परिवार को बिहार सरकार ने आर्थिक मदद करके गलत किया है. यह उसके अधिकार में ही नहीं था. बिहार सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए था. क्योंकि अगर बिहार में बंगाल के किसी आदमी की किसी घटना में मृत्यु होती है, तो बंगाल सरकार को वहां मुआवजा की घोषणा करने का कोई अधिकार नहीं है. राज्य में कानून-व्यवस्था का दायित्व बंगाल सरकार का है, न कि बिहार सरकार का. बिहार सरकार ने मामले की जांच के लिए अपने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को यहां भेज कर अपने अधिकार की हद पार की है. इस मामले को लेकर राजनीति हो रही है, ऐसा नहीं होना चाहिए. इस मामले में सरकार अपना पूरा काम कर रही है, पुलिस पर पक्षपात करने के आरोप निराधार है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में अब तक जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से अधिकतर वामपंथी हैं. शव को लेकर जिस प्रकार से राजनीति हुई है, इससे बंगाल की छवि खराब हुई है. इस मामले में पुलिस ने कोई लापरवाही नहीं बरती है और ना ही पीड़िता के इलाज में कोई कोताही बरती गयी है. लेकिन जिस प्रकार से पीड़िता के शव को लेकर राजनीति हुई, वह काफी निंदनीय है.
क्या कहा बंगाल के मंत्री ने
बिहार सरकार ने आर्थिक मदद करके गलत किया है. यह उसके अधिकार में ही नहीं था. जांच के लिए अपने पुलिस अधिकारी को भेज कर बिहार सरकार ने अपने अधिकार की हद पार की है.
फिरहाद हकीमी, शहरी विकास मंत्री, प बंगाल
जल्द चाजर्शीट दाखिल हो : अभयानंद
बिहार के डीजीपी अभयानंद ने बंगाल के डीजीपी जीएमपी रेड्डी को एक पत्र लिखा. पुलिस सूत्रों की मानें, तो पत्र में मामले को गंभीरता से लेने और गिरफ्तार सभी आरोपितों को जल्द सजा दिलाने की पहल करने की बात कही गयी है. इसमें इस बात का ख्याल रखने को कहा गया है कि गिरफ्तार आरोपित कानूनी दावं-पेच का लाभ लेकर जमानत पर रिहा न हो सके. इसके लिए अभयानंद ने
जल्द चाजर्शीट पेश करने का अनुरोध किया है, ताकि केस का ट्रायल जल्द शुरू हो सके. बिहार पुलिस के स्पेशल ब्रांच के आइजी जीएस गंगवार ने बताया कि बंगाल के डीजीपी जीएमपी रेड्डी से मिल कर इस पत्र को देने के लिए उनसे समय मांगी गयी है. मुलाकात का समय उनसे नहीं मिलने पर यह पत्र उनके विभाग को सौंप दिया जायेगा. इसके बाद समय-समय पर बिहार पुलिस राज्य पुलिस से इस मामले की जांच की जानकारियां लेती रहेगी.