पटना: एक ही कमरे में दो विषयों की पढ़ाई होती है. एक हिस्से में एक क्लास, तो दूसरे हिस्से में दूसरा. सुन कर शायद आपको आश्चर्य लगा होगा, लेकिन यही हकीकत है. एक ही कमरे में एक शिक्षक इतिहास, तो दूसरे हिंदी पढ़ाते हैं. यह स्थिति हो भी क्यूं नहीं, स्कूल के पास क्लास रूम की जो कमी है.
पहले ही से ही क्लास रूम की कमी को ङोल रहे इस स्कूल में अब कॉलेज भी चल रहा है. यह हाल है गर्दनीबाग गर्ल्स हाइस्कूल का. स्कूल के पास भवन है, मैदान है, टीचर्स भी हैं, लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है.
कॉलेज ऊंचा, मैदान नीचा : गर्दनीबाग गर्ल्स हाइस्कूल के कैंपस में गवर्नमेंट कॉलेज, गर्दनीबाग भी चल रहा है. मैदान के एक कोने में चल रहे इस कॉलेज में विद्यार्थी का आना-जाना हमेशा लगा रहता है. इस कारण सुरक्षा को लेकर भी प्रश्न चिह्न् लगा रहता है. बरसात के दिनों में स्कूल के मैदान में पानी भर जाने के कारण कॉलेज की ओर से रास्ते को ऊंचा कर दिया गया है. कॉलेज का रास्ता ऊंचा होने से मैदान में जलजमाव हो जाता है. पानी निकलने का कोई उपाय नहीं किया गया है. इससे दलदल कई महीनों तक बनी रहती है. मैदान की इस नारकीय स्थिति के कारण स्कूल की कोई एक्टिीविटी वहां नहीं हो पाती है.
न क्लास रूम, न कॉमन रूम : स्कूल के विद्यार्थी को खेलने के लिए कोई जगह नहीं है. ना तो क्लास रूम है और ना ही मैदान ही बचा है. बैठने के लिए कॉमन रूम भी स्कूल के पास नहीं है. मैदान में बड़े-बड़े घास उग आये हैं. इसकी वजह से सांप समेत अन्य विषैले कीड़ों के आने का भी डर बना रहता है. अतिक्रमण के कारण स्कूल में पानी लगने की समस्या सालों भर बनी रहती है.