पटना: बिहार मेरी धरती है. मैंने वर्षो बिहार की निष्ठा से सेवा की है. सरकारी सेवा में जिस निष्ठा से काम किया, उसी निष्ठा से पार्टी में भी काम करूंगा और बिहार को आगे बढ़ाऊंगा. ईमानदारी से भाजपा में रह कर बेईमानी के खिलाफ अभियान चलाऊंगा.
शुक्रवार को भाजपा ज्वाइन करने के बाद पहली बार पटना आये पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राज कुमार सिंह ने कहा कि उनके जैसे व्यक्ति के लिए भाजपा ही सही पार्टी है. केंद्र सरकार को भाजपा के साथ मिल कर हम लोग हटायेंगे. न प्रधानमंत्री को आइडिया है, न हाइकमान को. भ्रष्टाचार चरम पर है, लेकिन इसकी चिंता हाल में राहुल गांधी को आयी है.
धर्मनिरपेक्षता का हौवा : श्री सिंह ने कहा कि कुछ पार्टियां धर्मनिरपेक्षता का हौवा खड़ा कर रही हैं. सच तो यह है कि यह हौवा पुराना पड़ गया है. इस नाम पर तो अब अल्पसंख्यक भी नहीं ठगे जायेंगे. कई राज्यों में भाजपा की सरकार है. कहीं भी अल्पसंख्यक हाशिये पर नहीं हैं. उन्हें अन्य दल डराने का काम कर रहे हैं. भ्रष्टाचार और महंगाई को बढ़ावा देनेवाली कांग्रेस से राजद और जदयू तक गंठबंधन करने को आतुर हैं. ऐसा गंठबंधन हमें नहीं चाहिए.
पैसे देकर करायी जा रही पोस्टिंग : बिहार में भी भ्रष्टाचार चरम पर है. एसडीओ और डीएसपी पैसे देकर अपनी पोस्टिंग करा रहे हैं. क्या यही सुशासन है? बिहार के बारे में उन्होंने कहा कि नक्सलवाद पर नियंत्रण के लिए कार्रवाई नहीं हो रही है. आतंकी यदि गिरफ्तार किये जाते हैं,तो सरकार आपत्ति करती है. सच तो यह है कि इस नाम पर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
‘आरा का सांसद कैसा हो, आरके सिंह के जैसा हो’
पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राज कुमार सिंह के भाजपा मुख्यालय में कदम रखते ही उनके समर्थन में नारेबाजी शुरू हो गयी. बड़ी संख्या में लोग आरा से आये थे. रह-रह कर ‘आरा का सांसद कैसा हो, आरके सिंह जैसा हो.’ के नारे लगते रहे. पिछले पखवारे दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद से ही श्री सिंह के आरा या सुपौल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा का बाजार गरम हो गया था. वैसे श्री सिंह सुपौल के मूल निवासी हैं. सुपौल से आज तक भाजपा को जीत मयस्सर नहीं हुई है. ऐसे में उन्हें सुपौल से उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है. अब सबकी नजर पार्टी की चुनाव समिति के फैसले पर टिकी है. श्री सिंह ने साफ कर दिया कि वे बिहार से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.
जनता से माफी मांगें सीएम : मोदी
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को कोर्ट ने बेदाग करार दिया है. यह छद्म धर्मनिरपेक्षता का ढोल पीटनेवालों को करारा तमाचा है. नरेंद्र मोदी के नाम पर गंठबंधन तोड़नेवाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. ये बातें भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहीं. उन्होंने कहा कि अब जदयू से गंठबंधन का सवाल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि एसआइटी की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि गुजरात दंगे में मोदी की कोई भूमिका नहीं थी. उन्होंने दंगा रोकने की पूरी कोशिश की. एक लाख, 488 लोग गिरफ्तार किये गये.
सैकड़ों लोगों को सजा हुई. पिछले 12 वर्षो से उन पर दंगा कराने का आरोप लगता रहा. एसआइटी का गठन गुजरात सरकार ने नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने किया था. एसआइटी ने मोदी पर कोई आरोप सही नहीं पाया. एसआइटी की रिपोर्ट और अहमदाबाद कोर्ट के फैसले के बाद नरेंद्र मोदी पहले से अधिक ताकतवर हुए हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा की टक्कर राजद-कांग्रेस से होगी. जदयू तो तीसरे-चौथे नंबर रहेगी. मौके पर आरके सिंह, गिरिराज सिंह, संजय पासवान, दिलीप वर्मा, नीलम सहनी व चंद्रमुखी देवी भी मौजूद थे.
मैंने अपनी डय़ूटी निभायी थी
लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्र के दौरान गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि तब मैंने अपनी ड्यूटी निभायी थी. आडवाणी जी ही क्यों, अधिकारी रहते मैंने अपने कई संबंधियों को गिरफ्तार किया था. नीतीश कुमार के सलाहकार नहीं बनने पर बोले, जो कांग्रेस से जुड़ने को बेताब हो, उसके साथ काम करना मेरे लिए संभव नहीं है. क्या आप आरा से लोकसभा चुनाव लडें़गे? जवाब में कहा इसका फैसला पार्टी करेगी. मौके पर विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के बदलाव का इतिहास जब भी लिखा जायेगा, बिना आरके सिंह के नहीं लिखा जायेगा.