छपरा (सदर).
मनरेगा की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान तक रह रहे लोगों तक पहुंचाने में सेमिनार व कार्यशाला की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसके माध्यम से कर्मचारियों व पदाधिकारियों के क्षमतावर्धन से काम की अधिकता के बावजूद उनमें अपने दायित्व के निर्वहन का एहसास होता है. ये बातें स्थानीय मजहरुल हक एकता भवन में मनरेगा कर्मियों के एक दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को उद्घाटन करते हुए डीएम कुंदन कुमार ने कहीं. उन्होंने कहा कि कार्यशाला के द्वारा कार्य करने की क्षमता में वृद्धि होती है. उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित सभी 19 आरडीओ को भी विभाग के कार्यो की जानकारी देने व क्षमता बढ़ाने पर बल दिया. इस अवसर पर निर्मल भारत अभियान एवं अन्य विभागों के कार्यो के संबंध में विस्तृत विवरण दिया गया. वहीं लगातार जिले में कार्यशाला के आयोजन में डीडीसी श्री कुमार के प्रयासों की चर्चा की गयी. इस अवसर पर डीडीसी रमण कुमार ने मनरेगा कर्मियों को अधिनियम व प्रावधानों की जानकारी, अनुश्रवण योजना के संबंध में विस्तृत प्रचार- प्रसार की जरूरत जतायी. वहीं आगामी तीन माह में 50 हजार शौचालय निर्माण में 22.5 करोड़ रुपये खर्च करने, 30 लाख मानव दिवस सृजित करने, पौधारोपण , ग्रामीण सड़क निर्माण, पोखड़ा निर्माण, विद्यालयों में खेल मैदान निर्माण आदि पर 110 करोड़ रुपये खर्च करने के संबंध में ब्योरा प्रस्तुत किया. कार्यशाला में रैकिंग पारा मीटर, मास्टर रौल निर्माण, मजदूरी भुगतान, योजना के चयन, सामाजिक अंकेक्षण, सफलता के मूल मंत्र, अभिलेख संधारण, आवेदन पंजीकरण रजिस्टर निर्माण, जॉब कार्ड रजिस्टर, चेकबुक पंजी, शिकायत रजिस्टर ,संपदा रजिस्टर आदि के संबंध में जानकारी दी गयी. इस अवसर पर विभिन्न प्रखंडों के कार्यक्रम पदाधिकारी व अन्य के द्वारा कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया. वहीं पूर्व में किये गये प्रशिक्षण के आधार पर विभिन्न प्रखंडों में बेहतर दक्षता सह मूल्यांकन के तहत परसा प्रखंड को प्रथम तथा सदर प्रखंड को द्वितीय स्थान मिला, जिन्हें डीडीसी द्वारा शिल्ड व प्रमाणपत्र दिया गया. प्रशिक्षण के दौरान डीआरडीए के निदेशक जेड अहमद ने भी विचार रखे. कार्यशाला में प्रतिदिन प्रति पंचायत औसतन 100 मानव दिवस सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया.