पटना: सूरत के व्यवसायी मो हनीफ हिंगोरा ने अपने पुत्र मो सोहैल हिंगोरा के अपहरण के बाद फिरौती की रकम के लेने-देन के वीडियो व ऑडियो फुटेज तैयार किये हैं. बिहार पुलिस के समक्ष अपने बयान दर्ज कराने के साथ ही मो हनीफ हिंगोरा ने सारे वीडियो व ऑडियो फुटेज बिहार पुलिस को सौंप दिये हैं.
इससे पहले वह ये फुटेज दमन पुलिस व गुजरात पुलिस को सौंप चुके हैं. हालांकि, उन्होंने इस संबंध में पूछे जाने पर सिर्फ इतना कहा कि मेरे पास जो भी क्लू थे, उन्हें बिहार पुलिस को सौंप दिया है. उन्होंने वीडियो एवं ऑडियो फुटेज के बारे में न तो इनकार किया और न ही स्वीकार. उन्होंने कहा कि इससे पुलिस की जांच प्रभावित हो सकती है. पुलिस सूत्रों की मानें, तो मो हनीफ हिंगोरा और उनके पुत्र मो सोहैल हिंगोरा के बयान दर्ज कराने के बाद इसमें शामिल राजनेता-आपराधियों के गंठजोड़ की गुत्थी सुलझाने का प्रयास किया जायेगा. इसमें शामिल सभी तथ्यों की पूरी जांच की जायेगी, आवश्यकता पड़ने कई लोगों से पूछताछ भी की जा सकती है.
बिहार पुलिस की जांच सही दिशा में : मो हनीफ हिंगोरा ने बिहार पुलिस की अब तक की कार्रवाई पर संतोष जताया है. कहा, बिहार पुलिस अपहर्ताओं के नेटवर्क को अवश्य क्रैक कर देगी. बयान दर्ज करने के दौरान पुलिस अधिकारियों से हुई बातचीत से यही लगता है कि वे अपहर्ताओं को किसी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं है. इन अधिकारियों ने मेरी पूरी बात ध्यान से सुनी है. एक-एक बातों को तफसील से जानने की कोशिश की है. पुलिस का अनुसंधान सही दिशा में है.
अपहर्ताओं को भी चकमा
हनीफ ने वीडियो फुटेज तैयार करने की जिम्मेवारी अपने आसपास रहनेवाले लोगों को दे रखी थी. हनीफ पहले 22 लोगों के साथ चार लग्जरी वाहनों से बिहार पहुंचे थे. इसके बाद उनके10 आदमी सूरत से अलग से पटना पहुंचे थे. इन्हीं को अलग-अलग तरीके से उनकी गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया था. वे फिरौती की रकम तय करने को लेकर हो रही बातचीत को बड़े ही चतुराई से रेकॉर्ड भी करते जा रहे थे. साथ ही वे जहां भी जा रहे थे, उस होटल, रास्ते व किसी के उनके आसपास से गुजरने की तसवीरें मोबाइल कैमरे में रेकॉर्ड की जा रही थीं. इन्हीं फुटेजों में उन्हें पुलिस लिखी बाइक को बार-बार अपने आसपास मंडराते देखा है. रात को जब वह गांधी सेतु से हाजीपुर की ओर रवाना हुए, तो उनके पीछे चलनेवाली गाड़ी से वीडियो फुटेज तैयार किये जा रहे थे.
ऐसे दी फिरौती की रकम
पैसे लेकर चार गाड़ियां आगे की ओर बढ़ीं. अपहर्ताओं द्वारा बताये गये स्थान पर चारों गाड़ियों को रोका.
आगे की गाड़ी से मो हनीफ हिंगोरा उतर कर बढ़ें. उन्होंने एक-एक कर सभी आठ ट्रॉली बैग को निर्धारित स्थान पर रखने को कहा. चार व्यक्ति उतरे और ट्रॉली बैग को यथा स्थान रख दिया.
वहां से सभी लोग आगे की ओर पेट्रोल पंप की ओर बढ़े. वहां उन्होंने सोहैल हिंगोरा की तलाश की. सामने ही सोहैल उन्हें खड़ा मिला. फिर सोहैल को लेकर वे सभी पटना की ओर लौट गये.
राम प्रकाश को भेजा जेल
पटना/छपरा : हाजीपुर के नखास मीठा चौक से दो दिन पूर्व गिरफ्तार किये गये स्थानीय अपराधी राम प्रकाश को सीआइडी ने मंगलवार को छपरा कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे मंडल कारा, छपरा भेज दिया गया. उसे इस मामले को लेकर नयागांव थाने में दर्ज कांड संख्या 111/13 का अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है.
उस पर आरोप लगाया गया है कि उसने सोहैल हिंगोरा का न केवल अपहरण में लाइनर का काम किया है, बल्कि नयागांव के चतुरपुर और हाजीपुर के बिदुपुर थाने के चेचा गांव में छिपा कर रखने में भी अहम भूमिका निभायी थी. आरोप में पुलिस ने कहा है कि रामप्रकाश के मोबाइल से पता चला है कि वह चंदन सोनार का काफी नजदीकी है और उससे इसकी हमेशा बात होती रहती थी. रामप्रकाश का झारखंड के बरवाडीह स्थित आइडीबीआइ बैंक में खाता है, जिसमें इसने फिरौती में मिली मोटी रकम जमा की है. इसका पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं. इतना ही नहीं, 2013 के अप्रैल-मई में झारखंड में हुए एक व्यवसायी के अपहरण मामले में मिली फिरौती की रकम भी इसने इसी बैंक खाते ( 724104000010821) में रखी है. इस रकम से ही उसने लाइसेंसी पिस्टल व कारतूस खरीदे हैं. इसका इस्तेमाल वह आपराधिक कार्यो में करता है. रामप्रकाश को भादवि की धारा 364ए, 120बी, 212 लगायी गयी है.
हाजीपुर व पटना के विभिन्न इलाकों में पुलिस ने की छापेमारी : राम प्रकाश की निशानदेही पर सीआइडी व पटना पुलिस ने संयुक्त रूप से पटना व हाजीपुर में छापेमारी की. पटना के अनीसाबाद में बबलू गोप की तलाश में छापेमारी की गयी. सूत्रों ने बताया कि अधिकतर अपराधी भूमिगत हो गये हैं. सीआइडी ने इस मामले में फस्र्ट लाइनरों की पहचान कर ली है.
उधर, सीआइडी सूत्रों के अनुसार, आरोपित दीपक सिंह व उसका पिता नागमणि सिंह फरार हैं. सीआइडी की एक टीम रांची में डेरा डाले हुए है. दोनों के गिरिडीह में स्थित संपर्को को खंगाला गया है. फिलहाल पुलिस को रांची मेंनिराशा ही हाथ लगी है.