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सूरत व्यवसायी अपहरण कांड के पीछे कई राज, जानें पूरी कहानी

पटना: दमन से सूरत के व्यवसायी सोहैल हिंगोरा के अपहरण मामले में नेता और अपराधी गंठजोड़ का शीघ्र ही खुलासा हो सकता है. दमन पुलिस इस मामले में किंगपिन छपरा के चतुरपुर गांव के दीपक सिंह और उसके साथियों के फोटो जारी करने जा रही हैं. सूरत व्‍यवसायी अपहरण कांड़ : झारखंड से भी जुड़े […]

पटना: दमन से सूरत के व्यवसायी सोहैल हिंगोरा के अपहरण मामले में नेता और अपराधी गंठजोड़ का शीघ्र ही खुलासा हो सकता है. दमन पुलिस इस मामले में किंगपिन छपरा के चतुरपुर गांव के दीपक सिंह और उसके साथियों के फोटो जारी करने जा रही हैं.

सूरत व्‍यवसायी अपहरण कांड़ : झारखंड से भी जुड़े हैं तार

इस हाइ प्रोफाइल मामले की तहकीकात कर रहे दमन के एसपी अतुल कुमार ठाकुर ने प्रभात खबर से कहा कि अब तक किसी राजनेता का नाम सामने नहीं आया है. लेकिन, दीपक के कुछ बड़े दोस्तों के इसमें शामिल होने की बात सामने आयी है. एसपी ने कहा कि अपहरण और फिरौती वसूलने के पूरे मामले में कम-से-कम आधा दर्जन आपराधिक गिरोह संलिप्त थे. एक ने सुहैल को उठाया, दूसरे ने उसे छिपाया और तीसरे ने फिरौती वसूलने के लिए प्रयास किया.

इसी तरह अन्य गिरोहों ने भी अपना काम बांट लिया था. इनमें से कुछ के नाम मिले हैं. कम-से-कम 15 से 20 लोगों ने मिल कर इस वारदात को अंजाम दिया है. उन्होंने कहा कि हम बिहार पुलिस के अधिकारी के लगातार संपर्क में हैं. बिहार पुलिस की एसटीएफ टीम ने दमन पुलिस को काफी सहयोग किया है. दमन के एसपी ने कहा कि इस मामले में अन्य राज्यों से भी तार जुड़े होने के संकेत मिले हैं. अकेले इस केस से बिहार-झारखंड के कई बड़े अपहरण के मामलों का खुलासा हो सकता है.

कौन है बुआ जिसने नेग में बांटे पांच-पांच सौ के नोट मगर सोहैल को नहीं दिया

छपरा जिले के नयागांव थाना क्षेत्र के चतुरपुर गांव स्थित एएसआइ नागमणि सिंह के घर में उनके पुत्र रंजीत सिंह की शादी थी. शादी के दौरान मो सोहैल को अपहरणकर्ताओं ने आठ गुणा 10 के कमरे में बंद कर रखा था. उसके साथ ही छह अपहरणकर्ता हर पल मौजूद रहते थे. उस कमरे में कोई नहीं जाता था. एक बार शादी के दौरान ही रंजीत की बुआ उस कमरे में गयी थी. उसने छह अपहरणकर्ताओं को पांच-पांच सौ रुपये नेग के रूप में दिये. रंजीत ने उन्हें अपना मित्र बताया. बुआ ने मो सोहैल को नेग के पैसे नहीं दिये. प्रवीण नामक व्यक्ति ने बुआ को कहा कि सब दोस्त मिल कर शादी में मस्ती करेंगे.

बकौल मो सोहैल के पिता मो हनीफ हिंगोरा बुआ को पूरी स्थिति की जानकारी थी. ऐसा नहीं होता तो जब अन्य को नेग दिये गये तो सोहैल को क्यों नहीं दिया गया? बिहार पुलिस अगर रंजीत की बुआ से पूछताछ करें तो उन्हें काफी जानकारी मिल सकती है. कमरे में मो सोहैल के आंखों पर पट्टी नहीं थी, ऐसे में वह उस महिला को पहचान सकता है. मो हनीफ ने कहा कि शादी में शामिल पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जाये तो उसे अपहरणकर्ताओं के बारे में बड़ा सुराग मिल सकता है.

* तीन स्थानों पर रखा था सोहैल को : मो हनीफ ने बताया कि मो सोहैल को उस घर में 19 दिनों तक रखा गया था, उसके पहले उसे दो अन्य स्थानों पर रखा गया था. एक घर रंजीत की मामी का था, जहां उसे पांच दिनों तक रखा गया था. उसकी आंखों पर काली पट्टी होती थी, ऊपर से काला चश्मा पहना कर ले जाया जाता था.

* दो बार घर के छत पर ले जाया गया था सोहैल को : मो हनीफ ने कहा कि दो बार मो सोहैल को घर की छत पर ले जाया गया था, वो भी उनसे बात कराने के लिए तब जब फोन कॉल नीचे से नहीं लग पा रहा था. ऊपर ले जाने के क्रम में ही सुहैल ने एयरटेल के डिश एंटिना का नंबर देख कर याद कर लिया था. जिसके आधार पर दमन पुलिस व एसटीएफ, बिहार द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की गयी.

* ऐसे पहुंचाये गये फिरौती के नौ करोड़ रुपये

मो सुहैल के अपहरण के बाद दो दिनों तक कोई फोन कॉल मो हनीफ के पास नहीं आया. 01 नवंबर को पहली बार फोन आया. अपराधियों ने मो सोहैल के सुरक्षित होने की बात कही और 60 करोड़ रुपये फिरौती मांगी गयी. कभी पंजाब से तो कभी उड़ीसा से तो कभी झारखंड से फोन कॉल आने लगे. पैसों की मांग की जाने लगी. पैसे लेने के लिए मो हनीफ को फोन के माध्यम से ही आने के लिए अपहरणकर्ताओं द्वारा ही गाइड भी किया जाता रहा. उन्हें कभी लखनऊ के चारबाग के पास बुलाया गया तो फिर कहा गया कि वे कानपुर पहुंचे.

जब कानपुर पहुंचे तब फोन कर कहा गया कि इलाहाबाद पहुंचे, फिर वहां से बनारस बुलाया गया. वहां से औरंगाबाद बुलाया गया. उसके बाद अपहरणकर्ताओं ने पटना बुलाया. फिर, गांधी सेतु पार कर रकम को सारण जिले के परसौना गांव के सामने गाड़ी में रखने को कहा गया. वहीं इसके एवज में दिघवारा के पेट्रोल पंप के पास से मो सोहैल को छोड़ने की बात कही गयी.

* चार गाड़ी में रुपये लेकर पहुंचे थे मो हनीफ हिंगोरा : मो हनीफ अपने सहयोगियों के साथ चार गाड़ी में नौ करोड़ रुपये लेकर पटना पहुंचे थे. एक राजनेता ने अपहरणकर्ताओं द्वारा मांगे जा रहे 25 करोड़ रुपये की रकम को कम करने को लेकर मध्यस्थता की. उन्होंने शीघ्र नौ करोड़ रुपये देने और सोहैल को मुक्त करने की मांग की. तत्काल मामला तय हुआ और दिघवारा आने को कहा गया. जैसे ही गाड़ी हाजीपुर से आगे बढ़ी, वहीं चारों सूटकेस अपहरणकर्ताओं द्वारा ले लिया गया, फिर थोड़ी दूर आगे जाकर अपने बच्चे को ले जाने को कहा गया. अपने बच्चे को सामने देख मो हनीफ ने खुदा का शुक्रिया अदा किया. फिर उसे लेकर बनारस की ओर निकल गये.

इनकी तलाश

1. संतोष सिंह (रंजीत का बड़ा भाई)
2. दीपक सिंह
3 .सोनू सिंह (दोनों छोटा भाई हैं)4. नागमणि सिंह (पिता, गिरिडीह में एएसआइ)

सीआइडी जांच तेज

सीआइडी के डीआइजी डॉ केके सिंह ने शुक्रवार को छपरा के चतुरपुर गांव का मुआयना. रंजीत सिंह के घर व आसपास के इलाकों की तहकीकात की.

शनिवार को सीआइडी के एडीजी एके उपाध्याय व आइजी विनय कुमार के भी चतुरपुर जाने की सूचना .

सारण के एसपी ने रंजीत के बैंक एकाउंट की जांच की व इस संबंध में मिली जानकारी सीआइडी को उपलब्ध करायी

पुलिस इस मामले में हाजीपुर के कुख्यात चंदन सोनार की तलाश कर रही है.

जांच के सिलसिले में बिहार पुलिस की दो अलग-अलग टीमें शनिवार को झारखंड व दमन के लिए रवाना होंगी.

आज जायेंगे सीआइडी के एडीजी व आइजी

रंजीत सिंह के बैंक एकाउंट व एटीएम का डिटेल्स निकाला

हाजीपुर के चंदन सोनार की तलाश

नयागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के दूसरे दिन

रंजीत का पिता निलंबित विभागीय कार्रवाई शुरू

गिरिडीह: दमन से व्यवसायी सोहैल हिंगोरा के अपहरण मामले में गिरफ्तार रंजीत सिंह के एएसआइ पिता नागमणि सिंह ने 16 से 24 नवंबर तक छुट्टी ली थी. उसे 25 नवंबर को कार्यालय में योगदान देना था. पर, वह तीन दिसंबर को कार्यालय पहुंचा और पुन: चार-पांच दिनों तक गायब रहा.

फिर भी उसने 25 नवंबर से ही अपनी हाजरी बना दी. माना जा रहा है कि नागमणि ने साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से ऐसा कदम उठाया.

गिरिडीह के एसपी क्रांति कुमार गढ़िदेशी ने बताया कि नागमणि को निलंबित कर दिया गया है. उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. नागमणि व्यवसायी अपहरण मामले में शामिल है या नहीं, इसकी यह गुजरात व बिहार की पुलिस जांच कर रही है. उन्हें जो सहयोग चाहिए, दिया जायेगा. फिलहाल अपने स्तर से भी हमलोगों ने उसके आवास और बैंक खाते की जांच की है. हालांकि, अब तक कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है.

भाई मुझेफंसा रहा है : नागमणि
वहीं, नागमणि सिंह ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि मुझे बेवजह फंसाया जा रहा है. मेरे भाई परशुराम सिंह से मेरी नहीं पटती है. जमीन को लेकर लंबे अरसे से उसके साथ विवाद चल रहा है. परशुराम की ऊंची पहुंच है. इसका लाभ उठा कर वह मुझे फंसा रहा है. परशुराम के पास अकूत संपत्ति है. इतनी संपत्ति कहां से आयी, इसकी जांच होनी चाहिए. उसने कहा कि दमन से अपहरण किये गये सोहैल को मेरे घर में नहीं रखा गया था.

– अपहरण की पूरी कहानी..

* 29 अक्तूबर 2013

* मो सोहैल का अपहरण दमन से हुआ, अपहरण का समय : दोपहर दो बजे

* अपहरणकर्ताओं से मारपीट

दोपहर दो बजे के करीब अपहरणकर्ताओं ने रिवाल्वर को मो सोहैल के सिर में सटा कर घेर लिया. वे उसे चुपचाप अपनी गाड़ी में बैठाने की कोशिश करने लगे. इस बीच मो सोहैल जो कि कराटे प्रशिक्षित हैं, उसने प्रतिरोध किया. मारपीट व हाथापाई के क्रम में रिवाल्वर का मैगजीन वहीं गिर गया. लेकिन अपहरणकर्ता सोहैल को लेकर भागने में कामयाब हुए.

* सोहैल की गाड़ी लेकर नहीं भाग सके अपहरणकर्ता

अपहरणकर्ताओं ने प्रारंभ में मो सोहैल की गाड़ी लेकर भागने की कोशिश की, लेकिन वह गाड़ी ऑटोमेटिक लॉक हो गयी. वह गाड़ी वहीं छोड़ कर मो सोहैल को लेकर अपहरणकर्ता तुरंत भाग निकले.

* दमन के नानी दमन थाना में कांड दर्ज

कांड संख्या- 162/13, यू/एस 341,364(ए),365,468,471, 420, 120 बी 34 आइपीसी एवं सेक्शन 3,25(1) आर्म्स एक्ट, दिनांक 29/10/2013 दर्ज किया गया.

* 1 नवम्बर को आया पहला फोन कॉल

दमन पुलिस ने अपह्रत के पिता मो हनीफ हिंगोरा के फोन कॉल्स को मॉनिटर करना शुरू कर दिया. 01 नवंबर को पहला फोन फिरौती के लिए किया गया.

* 60 करोड़ की फिरौती मांगी

फोन पर फिरौती की रकम के रूप में 60 करोड़ रुपये की मांग की गयी. मो हनीफ हिंगोरा को विभिन्न राज्यों से आ रहे फोन कॉल्स के माध्यम से सारण जिले के परसौना गांव के सामने रख देने व इसके एवज में दिघवारा के पेट्रोल पंप के समीप से मो सुहैल को लेने की बात कही गयी.

* अपहरणकर्ता के घर में शादी समारोह

25. 11. 2013 को अपहरणकर्ता के चतुरपुर गांव स्थित नयागांव थाना, जिला सारण स्थित घर में अपहरण के आरोपी रंजीत सिंह की शादी थी. वहीं पर मो सोहैल हिंगोरा को रखा गया था.

* 28 नवंबर को पटना पहुंचे मो हनीफ हिंगोरा

26 नवंबर को अपहरणकर्ताओं के द्वारा बताये गये शहर की ओर सड़क मार्ग से रवाना हुए. कभी लखनउ तो कभी कानपुर, इलाहाबाद, बनारस, औरंगाबाद में उन्हें पहुंचने का निर्देश दिया जाता रहा. अंत में वे 28 नवंबर की रात को पटना पहुंचे.

* फिरौती की रकम तय हुई

28 नवंबर को पटना के होटल में रुके. फिर किसी राजनीतिज्ञ के माध्यम से फिरौती की रकम नौ करोड़ रुपये देनी तय हुई. चार गाड़ियों में आये मो हनीफ ने पटना से 20-22 किलोमीटर की दूरी पर गंगा उस पार पहुंचने के बाद वैशाली में रुपये सौंपे. वहां से कुछ ही दूरी के बाद पेट्रोल पंप के समीप 28 नवंबर की रात को ही मो सोहैल को रिहा कर दिया गया.

* रिहा होने के बाद बनारस हुए रवाना

मो हनीफ हिंगोरा अपने पुत्र को लेकर सड़क मार्ग से लेकर 28 नवंबर की रात को ही बनारस के लिए निकल गये. वहां से 29 नवंबर की सुबह को मुंबई की फ्लाइट पकड़ी, वे देर शाम अपने घर सूरत पहुंचे.

* मोदी से मिले मो हनीफ

12. मो हनीफ ने 09 दिसंबर को मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर बिहार पुलिस की विफलता व एक राजनेता के अपहरण में शामिल होने की जानकारी दी. तब नरेंद्र मोदी ने 25 मिनट की मीटिंग के बाद तत्काल इसकी जांच के लिए स्पेशल टीम गठित करने का निर्देश दिया.

* दमन पुलिस पहुंची बिहार, नया गांव में छापेमारी

14 दिसम्बर को बिहार पुलिस व दमन पुलिस ने संयुक्त रुप ये कार्रवाई करते हुए नयागांव स्थित अपहरणकर्ता के घर पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान मो सोहैल का रूमाल, विजिटिंग कार्ड, एक एयरटेल का सेट टॉप बाक्स जब्त किया.

* नया गांव थाना में कांड दर्ज

19 दिसंबर को मुख्यमंत्री के निर्देश व डीजीपी अभयानंद के आदेश पर नया गांव थाना में कांड संख्या – 111/2013 , दिनांक -19.12.2013, धारा- 364 ए 120 बी 212 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया. इसमें रंजीत सिंह के भाइयों संतोष सिंह, दीपक सिंह व सोनू सिंह के अलावा उन तीनों के पिता व गिरिडीह में तैनात एएसआइ नागमणि सिंह को आरोपी बनाया गया. पुलिस ने प्रारंभिक जांच में शादी की सीडी जब्त कर उसकी जांच की.

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