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नहीं बढ़ेगी पंचायतों की संख्या

पटना: सूबे में पंचायतों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं होगी. सरकार ने पंचायतों का पुनर्गठन नहीं करने का निर्णय लिया है. 2011 के जनसंख्या आंकड़ों को वर्तमान पंचायतों में शामिल किया जायेगा. सरकार ने निर्णय से राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत करा दिया है. आयोग को पुराने पंचायतों की संख्या के आधार पर ही […]

पटना: सूबे में पंचायतों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं होगी. सरकार ने पंचायतों का पुनर्गठन नहीं करने का निर्णय लिया है. 2011 के जनसंख्या आंकड़ों को वर्तमान पंचायतों में शामिल किया जायेगा. सरकार ने निर्णय से राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत करा दिया है.

आयोग को पुराने पंचायतों की संख्या के आधार पर ही 2016 में होनेवाले पंचायत चुनावों की तैयारी शुरू करने की अनुशंसा की गयी है. इस पर मुख्यमंत्री ने भी सहमति जता दी है. इधर,राज्य निर्वाचन आयोग 8406 पंचायतों के आधार पर आम निर्वाचन कराने की तैयारी की पहल करेगा.

आयोग के प्रस्ताव का सरकार ने भेजा जवाब : पिछले दिन आयोग ने पंचायती राज विभाग को पत्र भेजकर पंचायतों के पुनर्गठन के संबंध में प्रस्ताव भेजा था. सरकार ने जवाब आयोग को भेज दिया है. राज्य में वर्तमान समय में 8406 पंचायत, 115057 वार्ड, 11501 पंचायत समिति सदस्य और 1162 जिला परिषद के सदस्य हैं. आयोग को भेजे गये जवाबी पत्र में सरकार ने स्पष्ट किया है कि पुराने प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के आधार पर ही चुनाव होगा. इन निर्वाचन क्षेत्रों में ही 2011 जनसंख्या के आंकड़ों को समाहित कर लिया जाये और आम चुनाव कराने की कार्रवाई की जाये.

वर्तमान में पंचायतों की संख्या 1991 की जनगणना पर आधारित है. 2006 के पंचायत आम चुनाव में पंचायतों की संख्या तो वही रही, लेकिन 2001 की जनगणना को उसमें शामिल कर दिया गया. पंचायतीराज अधिनियम, 2006 के प्रावधान के अनुसार प्रति सात हजार की जनसंख्या पर एक पंचायत निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया जाना है. इसी तरह से 500 या उसके निकटतम जनसंख्या के आधार पर पंचायत के प्रति वार्ड का गठन किया जाना है.

प्रति पांच हजार या उसके निकट की आबादी पर एक पंचायत समिति का गठन होगा, जबकि 50 हजार या उसके निकट की आबादी पर जिला पर्षद सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण किया जाना है. इधर, 2011 में आबादी तो बढ़ गयी, लेकिन पंचायतों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई.

पंचायत व आबादी का बढ़ेगा गैप
2011 की जनसंख्या के आधार पर पंचायतों में जनसंख्या का गैप और बढ़ेगा. 2001 की जनगणना के अनुसार पूर्वी चंपारण जिले में 10 हजार से अधिक आबादी वाले पंचायतों की संख्या 98 है. दरभंगा जिले में 10 हजार से अधिक आबादी वाले पंचायतों की संख्या 96 थी. सीतामढ़ी जिले में 10 हजार से अधिक आबादी वाले पंचायतों की संख्या 81 थी. दूसरी ओर पश्चिम चंपारण जिला में तीन ऐसी पंचायतें थीं, जिनकी आबादी महज एक हजार से डेढ़ हजार के बीच थी.

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