पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आज आरोप लगाया कि वे नक्सलियों के प्रति नरमी बरतकर उनके जरिए आगामी लोकसभा चुनाव में लाभ हासिल करने की जुगत में लगे हुए हैं.
सुशील ने आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया, ‘‘केंन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने जब नक्सलवाद के मुद्दे पर नीतीश सरकार को आईना दिखाया तो मुख्यमंत्री सहित उनके दल के लोग तिलमिला गए.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि दरअसल नीतीश आगामी लोकसभा चुनाव में नक्सलियों के जरिए चुनावी लाभ हासिल करने की जुगत में हैं. इसलिए उनकी सरकार माओवादियों के प्रति नरमी का रुख अख्तियार किए हुए है.
सुशील ने आरोप लगाया कि इसके पहले राजद ने भी अपने 15 वर्षो के शासनकाल में नक्सलियों के प्रति नरम रवैया चुनावी लाभ के लिए ही अपनाए रखा जिसका उसे चुनावी लाभ मिलता भी रहा. इसके कारण उस दौरान न तो निजी सेनाओं के प्रति कोई सख्त कदम उठाया गया और न ही नक्सलियों की नकेल कसने की कोई कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि शिन्दे के पत्र से बौखलाए जदयू सांसदों को संसद ठप्प करने की जगह नीतीश सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि वह बढती नक्सली घटनाओं पर रोक लगाए.
मोदी ने कहा कि पिछले एक माह के भीतर जमुई, गया, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद और पटना जिले के कई स्थानों सहित झारखंड के लातेहार में पोस्टर लगा कर नक्सलियों ने भाजपा के अनेक प्रमुख नेताओं की हत्या करने की धमकी दी है. उन्होंने नक्सलियों की हिटलिस्ट में उनके साथ भाजपा के प्रमुख नेताओं के होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि इन पोस्टरों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उनके किसी मंत्रिमंडलीय सहयोगी का नाम नहीं है, जो इंगित करता है कि मुख्यमंत्री के नरम रवैये से नक्सली भी उनके प्रति नरम है.
सुशील ने गठबंधन टूटने और मंत्रिपरिषद से बाहर होने के बाद भाजपा के पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा घटा दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि नक्सलियों द्वारा भाजपा नेताओं की हत्या करने की बार-बार धमकी दिए जाने के बावजूद आज तक सरकार द्वारा इनकी सुरक्षा को लेकर कोई कर्रवाई नहीं की गई है. वहीं गठबंधन टूटने और मंत्रिपरिषद से हटने के बाद भाजपा के पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा घटा दी गई है. उन्होंने कहा कि नक्सलियों द्वारा जगह-जगह पोस्टर चिपका कर हत्या की धमकी दिए जाने के बावजूद सरकार द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम की पहल नहीं किया जाना चिन्ताजनक है.