पटना: प्रभारी वाणिज्य कर मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि विभाग में 50 करोड़ की राजस्व क्षति के मामले की उच्चस्तरीय जांच करायी जायेगी. जांच में पाया गया कि यह राशि और बढ़ सकती है. बिना कैबिनेट की सहमति के ही अधिसूचना जारी कर स्टोन चिप्स और स्टोन बोल्डर्स को वैट की सूची से बाहर कर टैक्स कम कर दिया गया था.
पूरे प्रकरण में प्रभावशाली व्यक्ति और अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन कर सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचायी है. वे सदानंद सिंह, दुलाल चंद्र गोस्वामी, दुर्गा प्रसाद सिंह, अब्दुल गफूर, अनिरुद्ध कुमार व जावेद इकबाल अंसारी के ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे. हालांकि सदन में हंगामे के कारण वह अपना लिखित जवाब पढ़ नहीं पाये और उसे पढ़ा हुआ मान कर सदन के पटल पर रख दिया गया.
जो भी होंगे जिम्मेवार, होगी कार्रवाई : मंत्री ने कहा कि वैट की दर का घटना नियम के विरुद्ध था. मुख्यमंत्री सचिवालय ने इस पर विभाग से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी. उसे भी अंधेरे में रखा गया. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में जो भी जिम्मेवार होंगे. उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी. चाहे वह कितने भी महत्वपूर्ण पद पर रहा हुआ व्यक्ति क्यों न हो.
कांग्रेस के सदानंद सिंह ने कहा कि सरकार इसके लिए जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ कब तक कार्रवाई करेगी, लेकिन सरकार की ओर से कहा गया कि उच्चस्तरीय जांच के बाद सरकार कार्रवाई करेगी. सदानंद सिंह ने अपने ध्यानाकर्षण में कहा था कि मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बिना 13 सितंबर, 2007 को एक अधिसूचना जारी की गयी, जिसमें स्टोन चिप्स, स्टोन बैलेस्ट और स्टोन बोल्डर्स को वैट की सूचीवद्ध वस्तुओं की सूची से बाहर कर दिया गया. इस कारण इन वस्तुओं पर लगने वाला टैक्स 12.5 प्रतिशत से घट कर चार प्रतिशत हो गया.
इससे सरकार को 50 करोड़ के सरकारी राजस्व का नुकसान हुआ. जब इसकी जानकारी मंत्रिमंडल को हुई तब 12 नवंबर, 2013 को उसने अधिसूचना को संशोधित कर 12.5 प्रतिशत करने की स्वीकृति दी. सरकारी खजाने को हुई 50 करोड़ की क्षति के लिए जिम्मेदार पदाधिकारियों को चिह्न्ति कर उनसे क्षति की राशि वसूली जाए.