पटना: सहरसा और दरभंगा के बीच की दूरी शनिवार से कम हो जायेगी. कोसी नदी पर बलुआहा घाट से गंडौल के बीच ़ढाई किलोमीटर लंबा पुल आम लोगों के लिए खोल दिया जायेगा. पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. यह पुल निर्माण निगम का अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. अपने संवेदक एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन से तय समय से पहले इसे बनवाने में निगम सफल रहा है.
सहरसा-दरभंगा के अलावा तीन और जिलों मधुबनी, मुजफ्फरपुर व पटना की भी दूरी घट जायेगी. पुल से होकर लोग पांच से छह घंटे में राजधानी पटना पहुंच जायेंगे. शुक्रवार को पथ निर्माण विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत और निगम के अध्यक्ष संजीव हंस ने बताया कि यह पुल कोसी बांध के आसपास के दर्जनों गांवों की बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा. अब-तक वे नाव से आना-जाना करते थे. अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में उन्हें काफी दिक्कत होती थी. कई बार नौका दुर्घटना का भी उन्हें शिकार होना पड़ता था. कोसी क्षेत्र में मक्का, गेहूं, मखाना और दलहन की अच्छी पैदावार है. यही नहीं, मछली का भी अत्यधिक उत्पादन है. इन्हें बाजार तक पहुंचाने में पुल काफी मदद करेगा.
पर्यटन स्थल का होगा विकास
उन्होंने बताया कि पुल निर्माण से क्षेत्र में सड़क, स्कूल और अस्पतालों की संख्या भी बढ़ेगी. लोग सहरसा के स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, जिला मुख्यालय, मधेपुरा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल और दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में आसानी से पहुंच पायेंगे. पुल खुलने से कुशेश्वर स्थान, महेसी, सिंहेश्वर और सोनवर्षा विराट के मंदिरों का पर्यटन स्थल के रूप में विकास भी होगा. गंडौल-बिरौल के बीच एक और पुल का निर्माण होने के बाद कोसी की दूरी और घटेगी. इसका निर्माण मार्च, 2016 तक होना है. गैमन इंडिया इसका निर्माण करा रहा है. फिलहाल पश्चिमी छोर पर मधुबनी मेजा के बीच 18 किलोमीटर इंटरमीडियट रोड पर ही लोगों को सफर करना होगा.
उन्होंने बताया कि दक्षिण में झंझारपुर तक पक्की सड़क है. पुल पर टॉल टैक्स भी देना होगा. टॉल टैक्स वसूली के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जायेगा. उन्होंने बताया कि पुल एक माह पहले ही बन जाता, लेकिन निर्माण के दौरान एक पीलर के डैमेज होने के कारण वक्त लग गया.