पटना: राजग के सहयोगी जदयू और भाजपा के बीच दिन-प्रतिदिन बढते मतभेद के बीच बिहार सरकार ने आज घोषणा की कि सुशील कुमार मोदी के वित्त मंत्रित्व काल के दौरान जानबूझकर वैट को कम किए जाने से 50 करोड रुपये की राजस्व की हानि की शीघ्र ही उच्च स्तरीय जांच करायी जायेगी.बिहार विधानसभा स्थित अपने […]
पटना: राजग के सहयोगी जदयू और भाजपा के बीच दिन-प्रतिदिन बढते मतभेद के बीच बिहार सरकार ने आज घोषणा की कि सुशील कुमार मोदी के वित्त मंत्रित्व काल के दौरान जानबूझकर वैट को कम किए जाने से 50 करोड रुपये की राजस्व की हानि की शीघ्र ही उच्च स्तरीय जांच करायी जायेगी.बिहार विधानसभा स्थित अपने कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि कैग की रिपोर्ट के जरिए यह मामला प्रकाश में आने पर उसे ठीक करने के लिए कदम उठाए जा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि इस मामले में मंत्रिमंडल का जो निर्णय था उससे इतर अधिसूचना जारी की गयी थी. नीतीश ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के आधार पर दोष एवं जिम्मेवारी निर्धारित करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.इससे पूर्व बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह सहित अन्य सदस्यों के एक ध्यानाकर्षण सूचना पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार इसकी शीघ्र ही उच्च स्तरीय जांच कराएगी.
सिंह ने अपने ध्यानाकर्षण में कहा है कि वाणिज्य कर विभाग ने बिना मंत्रिपरिषद की स्वीकृति प्राप्त किए ही 13 सितम्बर 2007 को एक अधिसूचना जारी की जिससे स्टोन चिप्स, स्टोन बैलेस्ट और स्टोन बोल्डर्स को वैट की सूचीबद्ध वस्तुओं की सूची से बाहर कर दिया गया जिसके कारण इन वस्तुओं पर लगने वाला कर 12.5 प्रतिशत से घटकर 4 प्रतिशत हो गया.उन्होंने कहा कि इस अधिसूचना के जारी होने से कर में कमी आने के कारण सरकारी खजाने को 50 करोड रुपये का नुकसान हुआ है.