जहानाबाद (नगर).
सोलर तकनीक पर आधारित पावर प्लांट ग्रामीण विद्युतीकरण और उसकी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी साबित होगा. इससे न केवल ग्रामीणों की आधुनिक ऊर्जा संसाधनों तक पहुंचाने को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि वे ही इसका उपयोग और नियंत्रण करते हुए मालिकाना हक रख पायेंगे. उक्त बातें जिला पदाधिकारी मो सोहैल ने सोलर आधारित पावर प्लांट लगाने के संबंध में बिल्ग्रो इनोरेशन फाउंडेशन, चेन्नई द्वारा आयोजित कार्यशाला में कहीं.
समाहारणालय सभा कक्ष में आयोजित कार्यशाला में डीएम ने कहा कि इस तरह की परियोजना एक नवोन्मेषकारी और समावेशी परियोजना है, जिससे गांवों में बिजली और ऊर्जा की बुनियादी जरूरतें पूरी की जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि बिहार जैसे ऊर्जा के मामले में निर्धन राज्य के लिए अक्षय ऊर्जा स्नेतों पर आधारित बिजली परियोजनाएं एक नये युग का सूत्रपात करेंगी. कार्यशाला में चेन्नई से आये मिस्टर पॉल ने बताया कि जिले के ग्रामीण इलाकों में सोलर एवं चावल के भूषे से बिजली का छोटा पावर प्लांट लगाया जायेगा, जिससे ग्रामीणों की बिजली की आवश्यकता पूरी होगी. उन्होंने इस बिजनेस में रुचि रखनेवाले लोगों को बताया कि फाउंडेशन सोलर प्लांट लगाने के लिए तकनीकी सहायता के साथ-साथ इसका रख-रखाव तथा ग्रामीणों के बीच कनेक्शन कैसे देना है तथा उनसे पैसे की वसूली कैसे की जानी है आदि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि प्लांट लगाने के लिए बैंक ऋण के साथ-साथ केंद्र सरकार से अनुदान भी मिलता है. ऐसे प्लांटों से ग्रामीण इलाकों की बिजली समस्या को दूर किया जा सकता है. कार्यशाला में फाउंडेशन के बिहार को-ऑर्डिनेटर सुमन सिंह, पीएम आरडीएफ आनंद कुमार समेत अन्य कई लोग उपस्थित थे.