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विधानमंडल: सदन के भीतर हंगामा, तो बाहर हुआ प्रदर्शन

पटना: विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सरकार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में चालू वित्त वर्ष के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया. विधानसभा की बैठक सिर्फ 22 मिनट चली और हंगामे के कारण कोई काम नहीं निपटाया जा सका. सदन के भीतर हंगामा हुआ, तो बाहर प्रदर्शन होता रहा. इससे पहले भाजपा सदस्यों […]

पटना: विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सरकार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में चालू वित्त वर्ष के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया. विधानसभा की बैठक सिर्फ 22 मिनट चली और हंगामे के कारण कोई काम नहीं निपटाया जा सका. सदन के भीतर हंगामा हुआ, तो बाहर प्रदर्शन होता रहा. इससे पहले भाजपा सदस्यों ने गांधी मैदान में आतंकी हमले से निबटने में सरकार की विफलता के विरोध में प्रदर्शन किया, वहीं राजद सदस्यों ने ध्वस्त कानून व्यवस्था के विरोध में प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन किया.

विधानसभाध्यक्ष ने जैसे ही कार्यवाही शुरू करने की घोषणा की, राजद व भाजपा के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. विरोधी दल के नेता नंद किशोर यादव ने कहा, बिहार में पहली बार आतंकी घटना हुई है. सदन पहले इस पर विचार करे, इसके बाद कोई कामकाज होगा. राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी व मुख्य सचेतक सम्राट चौधरी ने कहा, राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं है. गांव को तो छोड़िए राजधानी में हर रोज हत्या, दुष्कर्म, छेड़खानी व लूट की घटनाएं होती हैं. इन घटनाओं को रोकने में सरकार नाकाम है. इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. इस दौरान कांग्रेस व सीपीआइ के सदस्य अपनी सीट पर बैठे रहे. हंगामा शांत होते नहीं देख स्पीकर ने दस मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

वेल में आये विपक्षी सदस्य
दोपहर 12 बजे दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो फिर हंगामा शुरू हो गया. भाजपा के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान राजद के सदस्य अपनी सीट पर बैठे रहे. स्पीकर ने कहा कि सोमवार को पांच सदस्यों नंद किशोर यादव, सम्राट चौधरी, भाई वीरेंद्र, विनोद नारायण झा, अश्विनी कुमार चौबे व सोम प्रकाश ने कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है, जिसमें नंद किशोर यादव, भाई वीरेंद्र व विनोद नारायण झा का प्रस्ताव आतंकी हमले को लेकर था, जो पुराना मामला हो गया. सोमप्रकाश ने होमगार्ड जवानों के चार दिनों से अनशन पर होने की सूचना दी है. वित्तीय कार्य होने के चलते नियमत: कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जा सकता. इसके बाद फिर हंगामा शुरू हो गया. इसके बाद स्पीकर ने शून्यकाल शुरू करते हुए भाई दिनेश का नाम पुकारा, लेकिन हंगामे के कारण उनकी आवाज सुनी नहीं जा सकी. दूसरा नाम प्रदीप कुमार का पुकारा. उन्होंने कहा कि नवादा पकड़ीबरांवा थाने के लक्ष्मीपुर में 10 नवंबर को भाला चाहान नामक व्यक्ति की हत्या करने की बात कहते हुए कहा कि सरकार अपराधियों को तुरंत पकड़े तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा दे.

परिषद में भी नारेबाजी
उधर, विधान परिषद में भी राजद व भाजपा सदस्यों द्वारा पेश अलग-अलग कार्यस्थगन प्रस्तावों को मंजूर किये जाने की मांग को लेकर हंगामा के कारण सदन की बैठक नहीं चली. पटना सीरियल बम ब्लास्ट व सुरक्षा की लचर व्यवस्था को लेकर भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी की. राजद सदस्यों ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली जानेवाली प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं देने के पटना हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की मांग को लेकर पेश कार्यस्थगन को लेकर हंगामा किया. राजद के प्रो गुलाम गौस ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली जानेवाली प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण की व्यवस्था समाप्त किये जाने के पटना हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट में जाने की मांग की.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे विधि सचिव सहित तमाम अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार एलपीए में नहीं जा रही है, इससे आरक्षण की श्रेणी में आनेवाले सभी समाज को नुकसान ङोलना पड़ रहा है. राजद सदस्य डॉ नवल किशोर यादव, डॉ तनवीर हसन, बीमा भारती आदि ने भी वेल में पहुंच कर भाजपाइयों के साथ नारेबाजी की. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी व राजद के प्रो गुलाम गौस ने कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया था, जिसे सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन की कार्य संचालन नियमावली के तहत अस्वीकृत कर दिया. इसके बाद भाजपा व राजद के सदस्यों ने वेल में पहुंच कर नारेबाजी की. इस पर सभापति द्वारा भोजनावकाश तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी. सदन की कार्रवाई दोबारा शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा और काम-काज नहीं निबटाये जा सके. इस बीच, शिक्षा मंत्री पीके शाही ने द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया.

हुंकार रैली में सुरक्षा की नहीं थी व्यवस्था
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने 27 अक्तूबर को भाजपा द्वारा आयोजित हुंकार रैली में आतंकियों द्वारा किये गये सीरियल बम ब्लास्ट में छह लोगों के शहीद होने और सैकड़ों लोगों के जख्मी होने का उल्लेख करते हुए कार्यस्थगन मंजूर करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही को रोक कर इस पर विशेष चर्चा करायी जानी चाहिए. तख्ती लगा कर नारेबाजी करनेवालों में मंगल पांडे, गिरिराज सिंह, सत्येंद्र प्रसाद कुशवाहा, नरेंद्र प्रसाद सिंह, वैद्यनाथ प्रसाद आदि सदस्य शामिल थे.

11 और 12 को विशेष बहस
विधान परिषद में उग्रवादी हिंसा, विधि-व्यवस्था और बिहार को विशेष पैकेज के मुद्दे पर विशेष बहस होगी. सोमवार को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस पर सहमति बनी. विपक्ष की ओर से कार्यमंत्रणा समिति के समक्ष पांच प्रस्ताव दिये गये थे जिनमें दो स्वीकार कर लिये गये. इसके तहत 11 दिसंबर को नक्सली हमले में वृद्धि और विधि-व्यवस्था के मसले पर सुबह 10 से 12 बजे तक विशेष बहस होगी. जबकि 12 दिसंबर को बिहार को 50 हजार करोड़ का विशेष पैकेज के सवाल पर विधान परिषद में वाद-विवाद होगा. बैठक में सभापति अवधेश नारायण सिंह के अलावा संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी सहित अन्य सदस्य मौजूद थे.

श्रेय लेने की होड़
राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि अपराध, नक्सली घटना, सामूहिक दुष्कर्म और विधि-व्यवस्था को लेकर उनकी पार्टी ने सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया है. उसे अमान्य कर दिया गया है. राज्य को संप्रदायवाद, आतंकवाद व नक्सलवाद से खतरा है. सरकार को सदन में इस पर चर्चा करानी चाहिए, लेकिन वह इससे भाग रही है. ध्वस्त विधि-व्यवस्था का श्रेय भाजपा व जदयू दोनों को जाता है, लेकिन भाजपा उससे भाग रही है.

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