पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश के चार राज्यों दिल्ली, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव परिणाम को कांग्रेस विरोधी बताते हुए आज कहा कि नरेंद्र मोदी के कारण दिल्ली में भाजपा सरकार बहुमत पाने में नाकाम रही. जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश ने आज यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा […]
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश के चार राज्यों दिल्ली, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव परिणाम को कांग्रेस विरोधी बताते हुए आज कहा कि नरेंद्र मोदी के कारण दिल्ली में भाजपा सरकार बहुमत पाने में नाकाम रही.
जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश ने आज यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि ये चुनाव परिणाम कांग्रेस विरोधी हैं, पर इसमें भाजपा के लिए कोई खुशी की बात नहीं है.भाजपा के नेताओं के इन विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की जीत के लिए अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को श्रेय देने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने इसे खारिज करते हुए कहा कि भाजपा के लोग और क्या कह सकते हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा क्या कहती है यह महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह महत्वपूर्ण यह है कि क्या दिखाई पड रहा है.नीतीश ने कहा कि यह तो ब्लोअर की हवा है, लहर क्या रहेगी और यह साबित हो गया दिल्ली के विधानसभा में.उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा कि उक्त दल ने जो जुआ खेला वह उसे ले डूबा. दिल्ली की इसकी मिसाल है.
नीतीश ने कहा कि छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा को छोडकर कांग्रेस का कोई विकल्प नहीं था. इसलिए वह वहां जीती, पर दिल्ली में जनता के लिए इन दोनों दलों के अलावा तीसरा विकल्प आम आदमी पार्टी थी. ऐसे में कांग्रेस विरोधी माहौल होने के बावजूद भाजपा वहां सरकार बनाने में नाकाम रही.उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की अप्रत्याशित जीत के लिए उसे बधाई देते हुए कहा कि गांधीवादी अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का लाभ मिला.
इन चारों राज्यों के चुनाव का अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर असर पर नीतीश ने कहा कि जरुर पडेगा और इसका पहला असर दिखाई पड गया है कि इस चुनाव में जहां-जहां भाजपा और कांग्रेस थी. लोग यह मानकर चल रहे थे कि भाजपा को फायदा पहुंचेगा लेकिन दिल्ली ने उसको झुठला दिया.लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार पर असर के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि बिहार में कांग्रेस कोई मुद्दा नहीं है. इसलिए उसका कोई प्रभाव यहां नहीं दिखेगा और इसको लेकर यहां की भाजपा इकाई का खुशी मनाया जाना बेमानी है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव जहां जदयू ने 27 उम्मीदवार खडे किए थे और उनमें से उसके एक उम्मीदवार के ही जीत पाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि हमलोगों ने मात्र एक कोशिश की. हम वहां कोई प्रबल दावेदार नहीं थे.जदयू के दिल्ली में एक मात्र विधायक शोएब इकबाल के आम आदमी पार्टी को समर्थन दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि हम चाहेंगे कि वहां भाजपा की सरकार न बने. भाजपा पर प्रहार करते हुए नीतीश ने कहा कि एक समय में एक ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
भाजपा से 17 साल पुराने जदयू के संबंध विच्छेद को सही ठहराते हुए उन्होंने उस दल के बारे में कहा कि उसने (भाजपा) सोचा था कि कांग्रेस के अलोकप्रिय होने के कारण वह सत्ता की कुर्सी पर बैठ सकती है, पर यह उनकी भूल थी जिसे उन्होंने दिल्ली में परख लिया है.