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फाइलों में फंसा गरीबों का इलाज

पटना: जो उलझ कर रह गयी है फाइलों के जाल में गांव तक वो रोशनी आयेगी कितने साल में जी हां, अदम गौंडवी की कविता की यह पक्तियां बिहार के 24-25 लाख बीपीएल परिवारों की एक खास योजना पर सौ फीसदी सच साबित हुई है. राज्य के बीपीएल परिवारों के लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य […]

पटना: जो उलझ कर रह गयी है फाइलों के जाल में गांव तक वो रोशनी आयेगी कितने साल में जी हां, अदम गौंडवी की कविता की यह पक्तियां बिहार के 24-25 लाख बीपीएल परिवारों की एक खास योजना पर सौ फीसदी सच साबित हुई है. राज्य के बीपीएल परिवारों के लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की है. यह योजना गरीब परिवारों के पांच सदस्यों के इलाज पर आनेवाले खर्च का वहन करती है. लेकिन, सरकारी फाइलों में उलझने के कारण 18 जिलों में इस योजना की अवधि समाप्त हो चुकी है. अब इन जिलों के गरीबों काइलाज भगवान भरोसे है. इधर, 14 जिलों में भी इस योजना की अवधि दिसंबर में समाप्त हो रही. शेष जिलों में भी यह योजना दो-चार माह में समाप्त होनेवाली है.

केंद्र सरकार ने गरीब परिवार के सदस्यों के मुफ्त इलाज के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना आरंभ की है. इस एक परिवार के पांच सदस्यों के हर वर्ष इलाज पर होनेवाले 30 हजार रुपये तक के खर्च मुफ्त किया जाता है. राज्य में विभिन्न बीमा कंपनियों को अलग-अलग जिलों के बीपीएल परिवारों के इस योजना की जिम्मेवारी सौंपी गयी है.

जो कंपनियां इस कार्य में जुटी हैं, उनमें नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कं पनी, चोला मंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी, आइसीआइसीआइ लोंबार्ड, अपोलो यूनिक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी, टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी, एचडीएफसी इंश्योरेंस कं पनी शमिल हैं.

इन सभी कंपनियों के साथ सरकार बीपीएल परिवारों के मुफ्त इलाज के लिए एमओयू करती है. एमओयू के बाद संबंधित कंपनियां अस्पतालों को सूचीबद्ध कर गरीब मरीजों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जाती है. 18 जिलों में योजना की अवधि समाप्त हो गयी है. यहां के बीपीएल मरीजों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था तैयार नहीं की गयी है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार जिन 18 जिलों में इसकी अवधि समाप्त हो गयी है, उनमें औरंगाबाद, भोजपुर, गया, जमुई, कैमूर, लखीसराय, नालंदा, नवादा, पटना, पूर्वी चंपारण, रोहतास, सहरसा, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल और वैशाली शामिल हैं. जिन जिलों में योजना की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो जायेगी, उनमें बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, गोपालगंज, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगजंग, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया और समस्तीपुर शामिल हैं.

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