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मिल रहीं सुविधाएं, तो उपस्थिति भी बढ़े

पटना: ‘जन्म हो या मरण, जरूरी है रजिस्ट्रीकरण’ के स्लोगन के साथ मंगलवार को राज्य में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अभियान शुरू हो गया. संवाद कक्ष में मुख्यमंत्री द्वारा इसकी शुरुआत किये जाने के साथ ही राज्य के 71 हजार सरकारी स्कूलों में जन्म प्रमाणपत्र बनाने का पहला चरण शुरू हो गया. यह अभियान 31 […]

पटना: ‘जन्म हो या मरण, जरूरी है रजिस्ट्रीकरण’ के स्लोगन के साथ मंगलवार को राज्य में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अभियान शुरू हो गया. संवाद कक्ष में मुख्यमंत्री द्वारा इसकी शुरुआत किये जाने के साथ ही राज्य के 71 हजार सरकारी स्कूलों में जन्म प्रमाणपत्र बनाने का पहला चरण शुरू हो गया. यह अभियान 31 दिसंबर तक चलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बुनियादी आवश्यकता है.

जीवन में हर कार्य के लिए इसकी आवश्यकता होगी. इसलिए इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने की जरूरत है. इसके लिए आम लोगों में प्रचार-प्रसार जरूरी है. उन्होंने कहा कि आज भी स्कूलों में 50 फीसदी बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं. स्कूलों में छात्र-छात्राओं को हर तरह की सुविधा दी जा रही है, तो उपस्थिति भी होनी चाहिए. इसलिए हर प्रकार की सुविधा के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य की है. उन्होंने कहा राज्य के दो करोड़ बच्चों के निबंधन के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को उप रजिस्ट्रार बनाया गया है. उन आंगनबाड़ी सेविकाओं को इनाम दिया जाये, जिन्होंने अपने पोषक क्षेत्र में शत-प्रतिशत बच्चों को निबंधित किया हो.

आंकड़े सटीक मिलें, तो पूर्वानुमान लगाना संभव : मौके पर उन्होंने जिलों में 50 स्वचालित मौसम केंद्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि इससे कृषि और आपदा प्रबंधन के कार्य में काफी सहूलियत होगी. पिछले दिन मौसम विज्ञान विभाग से मिले आंकड़ों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आंकड़े सटीक मिलें, तो पूर्वानुमान लगाना संभव हो सकेगा. हर घंटे मौसम की जानकारी में तापमान, हवा का वेग, आद्र्रता, वातावरण की अन्य गतिविधि और वर्षा की जानकारी मिलेगी. इससे कृषि और बीमा के निबटारे में सहायता मिलेगी. किसानों को सटीक और सामयिक जानकारी मिलने से कृषि कार्य में सहयोग मिलेगा.

एक रुपया लगेगा विलंब शुल्क : योजना एवं विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि यह अभियान 31 दिसंबर तक चलेगा. दूसरे चरण में निजी स्कूलों में अभियान चला कर बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र दिया जायेगा. श्री यादव ने कहा कि इस अभियान को सरल बनाने के लिए ही आंगनबाड़ी सेविका को उप रजिस्ट्रार बनाया गया है. एसडीओ के स्थान पर बीडीओ और प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी को जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए अधिकृत किया गया है. श्री यादव ने कहा कि पहले विलंब के लिए दस रुपये का शुल्क लिया जाता था, अब इसे एक रुपया कर दिया गया है.

यह राशि भी राज्य सरकार देगी. उन्होंने जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और स्वचालित मौसम केंद्र की उपयोगिता की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मौसम की सटीक जानकारी मिलने से सबसे बड़ा लाभ किसानों को मिलेगा. इसके पहले योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश ने जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और स्वचालित मौसम केंद्र के बारे में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक एके सिंह, राज्य योजना पर्षद के सदस्य एएनपी सिन्हा, एनआइटी के प्रोफेसर संजय कुमार आदि मौजूद थे.

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