पटना: समनपुरा में ट्रक की चपेट में आने से मरे राज प्रकाश उर्फ आशुतोष उर्फ छोटू का पोस्टमार्टम सोमवार को पीएमसीएच में किया गया. पोस्टमार्टम के बाद शव के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया.
पहले से ही घर में उसकी मां मानती देवी का शव पड़ा हुआ था. एक साथ दो शवों के घर से निकलते ही परिवार व मोहल्ले के लोगों का कलेजा फट गया. सभी उस नियति को कोस रहे थे, जब ट्रकचालक ने राज प्रकाश को अपने चक्के तले रौंद डाला. परिजनों के साथ मोहल्ले के काफी लोग भी शवयात्र में शामिल हुए. दोनों के शवों को एक साथ जब श्मशान घाट पर चिंता पर सजाया गया, तो वहां मौजूद लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े. आसपास में ही मां-बेटे की एक साथ लाशें जल रही थीं. रामेश्वर ठाकुर कभी बेटे के शव को देखते, तो कभी पत्नी के शव को. वह अपना सुध-बुध ही खो बैठे थे. लोग किसी तरह उन्हें ढांढस बंधाने में लगे थे.
भाइयों का बुरा हाल
दो भाइयों का भी बुरा हाल था. सभी राज प्रकाश से काफी प्यार करते थे. घर में सभी लोग उसे छोटू नाम से ही पुकारते थे, क्योंकि वह सबसे छोटा था. मां का भी दुलारा था. मां की मौत से वह काफी दुखी था. कौन जानता था कि कुछ देर पहले तक अपनी मां के शव से लिपट कर रोने वाला राज प्रकाश भी शव में तब्दील हो जायेगा. वह काफी होनहार था व प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी जोर-शोर से कर रहा था. उसे उम्मीद थी कि वह सरकारी नौकरी हासिल ही कर लेगा लेकिन नीयत को कुछ और मंजूर थी.