पटना: भूगर्भ जल के समुचित प्रबंधन के लिए बुधवार को हवाई सर्वेक्षण का काम शुरू हुआ. पटना के सात प्रखंडों में जमीन के नीचे 300 से 400 मीटर में पानी के स्तर का अध्ययन किया जायेगा. हवाई सर्वेक्षण को लेकर बिहार फ्लाइंग क्लब में विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी. पीएचइडी की सचिव अंशुली आर्या ने जमीन के नीचे पानी का स्तर और रासायनिक गुण के आंकड़ों को बेहद उपयोगी बताया है. उन्होंने कहा कि पीएचइडी व लघु जल संसाधन विभाग के लिए इस तरह के आंकड़े काफी उपयोगी साबित होंगे.
केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ दीपांकर साहा ने कहा कि हेलीकॉप्टर 30 मीटर की ऊंचाई पर होगा. इलेक्ट्रो मैग्नेटिक सर्वे के माध्यम से चार सौ मीटर तक की गहराई तक पानी का अंदाजा लग सकेगा. योजना का मकसद आंकड़ों के आधार पर भूगर्भ जल का प्रबंधन करना है. पटना के सात प्रखंडों में 502 वर्ग किमी इलाके के भूगर्भ जल का अध्ययन हो सकेगा.
हेलीबॉर्न जियोफिजिक्स की जानकारी : डेनमार्क से आये वैज्ञानिक रॉसमॉस ने हेलीकॉप्टर सर्वे की तकनीक हेलीबॉर्न जियोफिजिक्स के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि विशेष यंत्र के माध्यम से जमीन के नीचे पानी का स्तर व उसके रासायनिक गुण की जानकारी मिलने पर उसका प्रबंधन करना आसान हो सकेगा. मौके पर केंद्रीय जल संसाधन बोर्ड के सदस्य आरसी जैन, लघु जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता किशोर कुमार, राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान केंद्र हैदराबाद के वीके सोमवंशी व डेनमार्क के अभियंता थॉमस सहित बिहार सरकार के कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे.