पंचायत व नगर निकाय चुनाव लड़ने के लिए शौचालय का होना अनिवार्य
पटना : अब पंचायत और नगर निकाय का चुनाव वही लड़ पायेंगे, जिनके घर में शौचालय होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को इसकी घोषणा की और कहा कि पंचायती राज व नगरपालिका कानून में संशोधन किया जा रहा है. पंचायत और नगर निकाय का चुनाव लड़नेवालों की योग्यता में घरेलू शौचालय को अनिवार्य कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री ग्रामीण विकास विभाग और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा ‘मनरेगा एवं निर्मल भारत अभियान’ की राज्यस्तरीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने तीन माह के अंदर सरकारी कर्मचारियों और सरकार से जुड़े अन्य सभी कर्मियों को व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा, सरकार बीपीएल व एपीएल सभी परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए 9100 रुपये दे रही है.
ऐसे में कोई नहीं कह सकता कि शौचालय बनाने के लिए राशि नहीं है. मुख्यमंत्री ने मनरेगा व निर्मल भारत अभियान की राशि खर्च करने के लिए हर पंचायत में ब्रिज फंड तैयार करने का निर्देश दिया. इसमें दो लाख रुपये डाले जायेंगे. इससे न तो पैसा लैप्स होगा और नहीं राशि की कमी होगी.
केंद्र सरकार द्वारा जनगणना आधारित ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण के लक्ष्य पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पारिवारिक सव्रेक्षण कराया है. इसके अनुसार बिहार में ग्रामीण परिवारों की संख्या दो करोड़ 19 लाख है, जबकि जनगणना, 2011 के अनुसार ग्रामीण परिवारों की संख्या एक करोड़ 69 लाख है.
ऐसे में केंद्र सरकार से दो करोड़ 19 लाख परिवारों के आधार पर लक्ष्य तैयार करने की मांग की जायेगी. घर-घर में शौचालय का निर्माण हो इसके लिए सभी डीडीसी बीडीओ ने हाथ उठा कर समर्थन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शौचालयों के निर्माण का अनुश्रवण मिशन मानव विकास के तहत करेंगे.
ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने बताया कि भारत के तीन राज्यों ने खुले में शौच से मुक्ति पा ली है. बिहार को भी इस लक्ष्य को जल्द पूरा कर लेना है. पूर्व में बीपीएल परिवारों को शौचालय निर्माण की राशि मिलती थी. मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत पहल से एपीएल परिवारों को भी लोहिया स्वच्छता योजना के तहत शौचालय निर्माण की राशि दी जाती है. अब खुले में शौच मुक्त बिहार का संकल्प लेकर सभी पदाधिकारी जायेंगे.
ग्रामीण विकास विभाग व पंचायती राज विभाग के सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि बीपीएल परिवारों को मनरेगा व निर्मल भारत अभियान से 9100 रुपये शौचालय निर्माण के लिए दिये जायेंगे. 900 रुपये लाभार्थी को खर्च करना है. इसका कार्यान्वयन बीडीओ के माध्यम से होगा. एपीएल परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का कार्य पंचायतों के माध्यम से किया जायेगा.
कार्यशाला में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, पटना के डीएम, पीएचइडी के अभियंता प्रमुख जयशंकर चौधरी के अलावा सभी जिलों के डीडीसी, सभी बीडीओ, डीआरडीए के कार्यपालक अभियंता, सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला समन्वयक और प्रखंड समन्वयकों ने भाग लिया.
नरेंद्र मोदी पर निशाना
मुख्यमंत्री ने भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम लिये बिना कहा कि अब कुछ लोग नारा लगा रहे हैं कि पहले शौचालय, फिर देवालय. बिहार ने तो इसे 2007-08 से ही लागू किया है. इसे प्रचारित भी किया गया है. सेवा यात्रा के दौरान दिन में भी मशाल जला कर शौचालय निर्माण का संकल्प दिलाया जाता था.
पुरस्कारों की घोषणा
मुख्यमंत्री ने पुरस्कारों की भी घोषणा की. सौ फीसदी शौचालय का निर्माण कार्य पूरा करनेवाली पंचायतों और प्रखंडों को निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. ऐसे पंचायतों को पांच लाख और प्रखडों को 25 लाख की राशि भी दी जायेगी.