पटना: मनी ट्रांजेक्शन मामले में मंगलोर, कर्नाटक से गिरफ्तार आयशा बानो कन्नड़ बोलती व समझती है, जबकि उसका पति मो जुबैर थोड़ी-थोड़ी हिंदी बोलता व समझता है. पुलिस अधिकारियों को उनदोनों से पूछताछ में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है. पूछताछ में अधिकारी दक्षिण भारत के मूल निवासी व बीएमपी-5 के समादेष्टा पी कन्नन का सहयोग ले रहे हैं.
रेल मार्ग से लाया गया
इससे पूर्व आयशा व उसके पति मो जुबैर को लेकर बिहार पुलिस शुक्रवार की दोपहर पटना पहुंची. उसे ट्रेन मार्ग से पटना लाया गया. बेहद गुप्त तरीके से स्पेशल टास्क फोर्स व बिहार सैन्य पुलिस के हथियारबंद जवानों के द्वारा स्काट कर बीएमपी-5 परिसर में ले जाया गया. वहां उन लोगों से बिहार पुलिस के वरीय अधिकारियों ने चार घंटे तक पूछताछ की.
पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आयशा व जुबैर ने पूछताछ में कई तथ्यों से शुरू में अनभिज्ञता जतायी. लेकिन, बाद में साक्ष्य पेश किये गये, तो उन्होंने स्वीकार किया कि बड़े पैमाने पर मनी ट्रांजेक्शन करने में उन्होंने अहम भूमिका निभायी थी.
लखीसराय में होगी पेशी
सूत्रों के अनुसार बीएमपी-पांच के स्पेशल कॉटेज में भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच आयशा व जुबैर को रखा गया है. दोनों की लखीसराय की अदालत में पेशी की जायेगी. सूत्रों के अनुसार पूरे रास्ते में बिहार पुलिस के साथ ही कर्नाटक पुलिस के हथियारबंद जवानों ने भी उनकी गतिविधियों पर नजर बनाये रखी. पटना पहुंचने के बाद उसे पहले आराम करने के लिए कहा गया, फिर वरीय पुलिस अधिकारियों ने उनसे अलग-अलग पूछताछ की.
पूछताछ करनेवालों में एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर एसके भारद्वाज, एडीजी, सीआइडी एके उपाध्याय, आइजी ऑपरेशन अमित कुमार, आइजी सीआइडी विनय कुमार आदि शामिल थे. पुलिस को उनसे मनी ट्रांजेक्शन के मामले में कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है.
अभियुक्तों से मिला नहीं, फोन पर हुई बात
जुबैर ने बताया कि हिंदू से मुसलिम बनी आयशा मूल रूप से कर्नाटक के कुर्ज जिले के मेरकारा की निवासी है. उसने पांच साल पहले आयशा के साथ प्रेम विवाह किया था. उसके तीन बच्चे हैं. इन दिनों वे मंगलोर, कर्नाटक से छह किमी दूर स्थित पंजीमोगेरू नामक मुहल्ले में रह रहे थे. उसके मकान का नंबर डी-2/63-12 है. आयशा के नाम पर ही उसने सारे बैंक एकाउंट खोल रखे थे. उसके पास अलग से बैंक एकाउंट था, लेकिन वह उसके माध्यम से पैसे का ट्रांजेक्शन नहीं करता था. आयशा के नाम से अलग-अलग बैंकों में करीब ढाई दर्जन एकाउंट खोले गये थे. उन्हें बिहार से मिल रहे पैसे की जानकारी थी, लेकिन यहां गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों के साथ उनका संपर्क फोन के माध्यम से ही बना हुआ था. जुबैर पैसों के ट्रांजेक्शन के बाद उसे कैश डिलीवरी करने को लेकर विशेष जानकारी देने से बचता रहा. उसने पूछताछ के दौरान आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के किसी सदस्य से सीधे संबंधित होने से इनकार किया.