पटना: बक्सर निवासी राज नारायण पांडेय 13 वर्षो से अपने घर में बिजली के आने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने वर्ष 2000 में बिजली के कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था. उनके घर से पोल की दूरी करीब 80 फुट है. लेकिन, बिजली विभाग अभी तक इस दूरी को तय नहीं कर पाया है. उसका कहना है कि राज नारायण का मकान पोल से बहुत अधिक दूर है, इसलिए कनेक्शन मिलने में परेशानी हो रही है. जबकि, उनके आस-पास के घरों में रोशनी है. मामले के निष्पादन के लिए उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया है.
बगैर कनेक्शन बिल
इधर, बिजली विभाग में कई माह चक्कर लगाने के बाद भी कनेक्शन नहीं मिला. लेकिन, उनके घर पर बिजली का बिल आने लगा. राज नारायण ने इसकी शिकायत विभाग के उच्चधिकारियों से की, तो जानकारी मिली की विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर ने मकान में विद्युत कनेक्शन होने की रिपोर्ट लगा दी है. रिपोर्ट के अनुसार उनका कंज्यूमर नंबर ऊ व5267/ढ-23 है. इसमें एक वाट का विद्युत कनेक्शन लेने का जिक्र है.
कनेक्शन न मिलने से निराश राज नारायण ने सन् 2006 में स्थानीय अदालत में विभाग पर मुकदमा दर्ज कर दिया. वर्षो तक मुकदमा लड़ने के बाद राजा नारायण के हाथ निराशा ही लगी. अदालत ने विद्युत विभाग के पक्ष में अपना फैसला सुना दिया.
33 लाख में बनवाया पांच कमरों का घर
राजनारायण पांडेय का मकान बक्सर के खैरपत्ती सेमिरिया कॉलोनी में है. उन्होंने वर्ष 2000 में बिजली विभाग द्वारा निर्धारित शुक्ल जमा कर फार्म में लगनेवाले सर्टिफिकेट को संलग्न किया. उन्हें उम्मीद थी कि हफ्ते भर में उनका मकान रोशन हो जायेगा. मकान अच्छा लगे, इसके लिए उन्होंने इसे सफेद रंग में कलर करवाया. 33 लाख रुपये की लागत से 1700 वर्ग फुट में बने पांच कमरों के इस मकान की फर्श पर सफेद संगमरमर पत्थर से सजावट के साथ दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग लगा है. किचन में काले व हरे ग्रेनाइट के पत्थर से की गयी कारीगरी से इसकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती है. लेकिन, रात होते ही मकान में अंधेरे में डूब जाता है.
बेचने की कोशिश विफल : विद्युत कनेक्शन के अभाव में राजा नारायण ने अपने मकान को बेचने की कोशिश भी की, लेकिन बगैर बिजली के कोई मकान लेने को तैयार ही नहीं हुआ. निराश होकर उन्होंने न्यायालय का सहारा लेने का निश्चय किया.
30 दिनों में कनेक्शन नहीं, तो जुर्माना
उपभोक्ता फोरम के एडवोकेट मोहनलाल के मुताबिक 30 दिनों के अंदर आवेदन करने के बाद यदि विद्युत कनेक्शन नहीं मिलता है, तो नियमानुसार प्रति दिन 1000 रुपये का भुगतान विद्युत विभाग करेगी. इसके तहत राज नारायण ने स्थानीय अदालत में निराश होने के बाद 25 अक्तूबर, 2013 को उपभोक्ता फोरम में विद्युत विभाग पर तीन करोड़ 75 लाख 95 हजार क्षतिपूर्ति के लिए दावा किया है.
लिमिट 20 लाख : उपभोक्ता फोरम के वरिष्ठ अधिवक्ता सतेंद्र दूबे का कहना है कि पटना के उपभोक्ता फोरम 20 लाख रुपये तक ही भुगतान करने का आदेश दे सकते हैं. ऐसे में इतनी बढ़ी रकम के मामला का निस्तारण ऊपरी अदालत से होगा.