पटना: शहर की सड़क से लेकर गलियों तक खटाल खुले हैं. शायद ही कोई मुहल्ला बचा है, जहां सड़क किनारे या गली में खटाल नहीं चल रहा हो. सड़क से गुजरते समय यह संभव है कि आपकी गाड़ी के सामने अचानक गाय-भैंस दौड़ते मिल जाये या पैदल चलनेवाले को गाय का झटका लगे. खुले मवेशियों की चपेट में आकर आये दिन लोग हादसे के शिकार भी हो रहे हैं.
ऐसा नहीं है कि नगर निगम ने खटाल हटाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की. कोर्ट की जब-जब फटकार लगी, निगम ने दो-चार दिनों तक अभियान चलाया, पर वह महज खानापूर्ति ही निकली. 30 सितंबर को पटना हाइकोर्ट ने आदेश दिया था कि शहर में खटाल नहीं दिखने चाहिए. न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा था कि बार-बार खटाल लगने के लिए थाना अधिकारी जिम्मेवार हैं.
गर्दनीबाग : भीखाचक, सरिस्ताबाद व शांति पथ में बड़ी संख्या में खटाल चल रहे हैं. इससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है.
कदमकुआं : बुद्ध मूर्ति से साहित्य सम्मेलन की ओर जानेवाली सड़क पर सुबह-शाम दो दर्जन से अधिक गाय-भैंस रहते हैं. यहां मछली गली में खटाल है.
कंकड़बाग : यहां अधिकांश मुहल्लों में खटाल हैं. सड़कों पर सुबह-शाम गाय व भैंसों का दिखना आम है. कुछ गलियों में तो 50 से अधिक गायें हैं. इससे स्थानीय लोग गोबर की बदबू से परेशान रहते हैं.
सब्जीबाग : कॉलेजिएट फिल्ड के पास आवारा पशुओं की फौज है. मैदान में पालतू पशु भी घास चरने के लिए खुलेआम छोड़े जाते हैं. इसके अलावा मुख्य सड़क व मुहल्लों में भी गाय विचरण करते रहते हैं.
एसपी वर्मा रोड : पॉश इलाका होने के बावजूद यहां अब भी खटाल चल रहा है. खटाल में पांच-छह गाय-भैंस बंधे रहते हैं, जो कभी-कभी सड़क पर भी आ जाते हैं और उनसे यातायात बाधित होता है.
बेली रोड : बेली रोड में तारामंडल के सामनेवाली गली में बड़ी संख्या में आवारा पशु रहते हैं. यहां भी एक खटाल है, जिसे देखनेवाला कोई नहीं है. इसके बाद बुद्ध मार्ग में भी गाय-भैंस दिन भर घूमते रहते हैं. बेली रोड में राजाबाजार व जगदेव पथ के पास भी ऐसे पशुओं की संख्या अधिक रहती है.
राजीवनगर, दीघा रेलवे ट्रैक : राजीवनगर के पास दीघा रेलवे ट्रैक पर एक-दो नहीं लगातार दर्जन भर गाय व भैंसों को बांधा जाता है.
हाइकोर्ट कोर्ट का आदेश है कि शहर को खटालमुक्त करना है. इसके तहत राजधानी में खटाल हटाओ अभियान चलाया गया है. फिर से अभियान चला कर खटाल हटाये जायेंगे. मना करने के बाद भी खटाल चलानेवालों पर कार्रवाई होगी.
शशांक शेखर सिन्हा, डिप्टीकमिश्नर, पटना नगर निगम