राजगीर भी निशाने पर
बोधगया व पटना में ब्लास्ट के बाद इंडियन मुजाहिदीन की योजना नालंदा व राजगीर में भी धमाके करने की थी. रांची के इरम लॉज से बरामद प्रमुख बौद्ध व अन्य धार्मिक स्थलों के नक्शों से यह खुलासा हुआ है.
पटना: आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के निशाने पर देश के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं. पटना सीरियल ब्लास्ट की जांच के सिलसिले में एनआइए व झारखंड पुलिस द्वारा रांची के हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के इरम लॉज में की गयी छापेमारी में देश के कई धार्मिक स्थलों के नक्शे मिले हैं. सभी नक्शे मैनुअल तैयार किये गये हैं. नक्शे में यह भी दरसाया गया है कि किस धार्मिक स्थल या सार्वजनिक जगह पर कहां- कहां बम ब्लास्ट किया जाना है.
डीजीपी अभयानंद ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दस्तावेजों और साक्ष्यों से यह साफ हो गया है कि पटना व बोधगया सीरियल ब्लास्ट की साजिश आइएम ने रची थी. डीजीपी अभयानंद ने कहा कि बोधगया ब्लास्ट में आठ आतंकी शामिल थे. दोनों सीरियल ब्लास्ट में एक ही तरह के टाइमर बम और लोटस घड़ी का इस्तेमाल किया गया. हालांकि, लोटस घड़ी के बैच अलग-अलग थे. रांची में 25 जिलेटिन मिले हैं, जो राज पावर 90 मार्का के ब्रॉड नेम से तैयार किये गये थे. 14 डिटोनेटर भी मिले हैं. साथ ही कई दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनमें आतंकियों के नाम व पता दर्ज हैं. इस बात की जांच की जायेगी कि जिलेटिन आतंकियों के हाथ कैसे लगे और इन्हें कौन लाया था.
डीजीपी ने बताया कि लॉज से जब्त किये गये 31 सीडी व डीवीडी में देश व विदेश में हुए कई हत्याकांडों व नरसंहारों के दृश्य अंकित हैं. हालांकि, उन्होंने इसका खुलासा करने से इनकार कर दिया. सूत्रों की मानें, तो इनमें मुजफ्फरनगर, म्यांमार समेत अन्य स्थानों के दंगों की भी तसवीरें शामिल हैं.
मानव बम नहीं थे ऐनुल व इम्तियाज : डीजीपी ने कहा कि 27 अक्तूबर को पटना जंकशन पर शौचालय में ब्लास्ट के दौरान गिरफ्तार ऐनुल व इम्तियाज मानव बम नहीं थे. इम्तियाज से मिली जानकारी और बम बांधने के तरीके से स्पष्ट है कि उन्हें सिर्फ बम प्लांट करने की जिम्मेवारी दी गयी थी. ऐनुल ब्लास्ट में घायल हो गया. यदि वह जिंदा रहता, तो कई अन्य साक्ष्य मिलते.
एनआइए को सौंपी जांच : डीजीपी अभयानंद ने कहा कि पटना जंकशन रेल थाना और गांधी मैदान थाना में दर्ज कांडों की जांच औपचारिक रूप से एनआइए को सौंप दी गयी है. रेल थाना कांड की जांच दो दिन पूर्व ही सौंप दी गयी थी, जबकि गांधी मैदान थाना कांड की जांच बुधवार को सौंपी गयी. पटना पुलिस ने एफआइआर, पूछताछ के दौरान रेकॉर्ड किया गया सीडी, सीसीटीवी के फुटेज व जब्त साक्ष्यों से संबंधित दस्तावेज सौंपे दिये हैं.