पटना : बिहार में अब सरकारी विद्यालयों में पहली से दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली आरक्षित वर्ग के साथ सामान्य वर्ग की छात्राओं को भी छात्रवृत्ति दी जाएगी और इसका वितरण आगामी 15 दिसंबर से 30 दिसंबर तक शिविर लगाकर किया जाएगा.
पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिक्षा विभाग के प्रधानसचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया कि इसके लिए गत तीन नवंबर को मंत्रिमंडल ने 1120 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि बिहार देश का ऐसा पहला प्रदेश है जहां सभी छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि इस छात्रवृत्ति योजना से प्रदेश की कुल एक करोड़ सात लाख छात्रएं लाभांवित होंगी और इसके तहत पहली से चौथी कक्षा की छात्राओं को प्रतिमाह 50 रुपये, पांचवीं एवं छठी कक्षा की छात्राओं को सौ रुपये प्रतिमाह, सात से दसवीं तक की छात्राओं को डेढ सौ रुपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति दी जाएगी.
अमरजीत ने बताया कि आगामी 30 नवंबर तक बंगाली और उर्दू शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के परिणाम जारी कर दिए जाएंगे तथा महाविद्यालयों में शिक्षकों की रिक्तियों को भरने के लिए महाविद्यालय विकास योजना के आधार पर रिक्त पदों की संख्या उपलब्ध कराने को कहा गया है ताकि इस महीने के अंत तक इसको लेकर अपनी आवश्यकताओं से बिहार लोकसेवा आयोग को अवगत करा दें.
उन्होंने बताया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों और उपकुलपतियों की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन किया गया है.
अमरजीत ने बताया कि प्रदेश के कुल सत्तर हजार प्राथमिक विद्यालयों में से मात्र 1816 स्कूल ऐसे बचे हैं जहां मध्याहन भोजन की व्यवस्था नहीं हो पायी है.