पटना : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिये बिना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर उन पर निशाना साधा. शनिवार को बिजली कंपनी की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि धनतेरस में 11 बजे रात तक सड़कों पर तिल रखने की जगह नहीं थी. सही मायनों में यही बिहार है. इसी बिहार को आगे बढ़ाना है. गरीब -अमीर सभी ने जम कर खरीदारी की.
धनतेरस के दिन झाड़ू की भी खरीदारी हुई. इसी झाड़ू से बिहार की जनता बाहर से आये कचरे को साफ कर देगी. बिहारी मिल कर अपने घर को साफ और सुंदर बनायेंगे. विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एक समय था, जब बिहार के विकास व बिहार मॉडल की चर्चा होती थी. अब उन्हें बिहार का विकास नहीं भा रहा है. अब दूसरे मॉडल की चर्चा की जाती है. वैसे दूर का ढोल सुहावन ही होता है.
-बाहरी आदमी नहीं कर सकता भलाई
बिहार का भला बिहार के लोग ही कर सकते हैं. कोई बाहरी आदमी बिहार की भलाई नहीं कर सकता. उल्लेखनीय है कि हुंकार रैली में हुए सीरियल बम विस्फोट में मारे गये लोगों के परिजनों को सांत्वना देने शनिवार को नरेंद्र मोदी पहुंचे थे.
– सदा के लिए मिटायेंगे अंधेरा : नीतीश कुमार
* बिजली कंपनी की पहली वर्षगांठ पर बोले, जो कुछ नहीं जानते, विशेषज्ञ बन जाते हैं
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिजली कंपनी की पहली वर्षगांठ पर कहा कि पावर सेक्टर में हम टेक ऑफ कर चुके हैं. लेकिन, अब भी वैसी स्थिति में नहीं हैं कि सीट बेल्ट खोल दिया जाये. तेजी से काम हो रहे हैं. कर्मचारी-अधिकारी मिल कर काम करें, तो कुछ भी मुश्किल नहीं. यह संकल्प लेना होगा कि हम आदर्श स्थिति में आयेंगे. अंधेरे को सदा-सदा के लिए मिटायेंगे. मौके पर उन्होंने तीन हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण व उद्घाटन किया.
मुख्यमंत्री ने कहा, बिजली का बुनियादी ढांचा कमजोर था. वहां से हमने काम शुरू किया. छह घंटे आपूर्ति की स्थिति नहीं थी. अब वैसी स्थिति नहीं है. तार, ट्रांसफॉर्मर से लेकर बिजली आपूर्ति से जुड़ा हर छोटा-बड़ा काम हो रहा है. केंद्र से मिली विशेष सहायता 12,500 करोड़ में से 9,200 करोड़ बिजली पर खर्च हो रहे हैं. लेकिन, बिजली के काम में समय लगता है. छह मार्च, 1999 को बाढ़ एनटीपीसी का काम शुरू हुआ. 14 साल के बाद पहला यूनिट शुरू होने जा रहा है. मुख्यमंत्री ने उन अधिकारियों का क्लास भी लगाया, जो नीति पर अमल करने के बजाय उसमें मीन-मेख निकालने लगते हैं. उस पर ध्यान दिये बिना लक्ष्य की ओर से हमें आगे बढ़ना है.
* कर्मियों को बढ़ानी होगी दक्षता : ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिजलीकर्मियों को हर हाल में अपनी दक्षता बढ़ानी होगी. 12वीं पंचवर्षीय योजना में 28 हजार करोड़ खर्च करने की योजना है. बिजली कर्मचारियों को काम करना होगा. इलेक्ट्रिकल इंजीनियर का दिमाग श्रेष्ठ होता है, तो हम बेहतर की उम्मीद करेंगे ही. मुख्य सचिव एके सिन्हा ने कहा कि दिसंबर तक जिला मुख्यालयों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जायेगी. विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा ने एक साल में हुए सुधार पर संतोष प्रकट किया. बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष यूएन पंजियार, राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य सी अशोकवर्धन, मुख्यमंत्री के ऊर्जा सलाहकार प्रभात कुमार राय, ऊर्जा सचिव सह बिजली कंपनी के सीएमडी संदीप पौंड्रिक, सीएम के सचिव अतीश चंद्रा, बिजली जेनरेशन कंपनी के एमडी आनंद किशोर, ट्रांसमिशन के एमडी संजय कुमार सिंह, नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडी संजय कुमार अग्रवाल मौजूद थे. कार्यक्रम में स्मारिका का भी विमोचन किया गया.
* ये हुए सम्मानित
कार्यक्रम में छह डीएम के साथ कई बिजलीकर्मियों को सम्मानित किया गया. सम्मानित होनेवालों में दरभंगा के डीएम कुमार रवि, मुजफ्फरपुर के डीएम अनुपम कुमार, बेतिया के डीएम अभय कुमार सिंह, नालंदा की डीएम पलका साहनी, सारण के डीएम कुंदन कुमार व पूर्णिया के डीएम मनीष कुमार शामिल हैं. बिजलीकर्मियों में पेसू के महाप्रबंधक एसएसपी श्रीवास्तव, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के डीजीएम (पीआर) हरेराम पांडेय, अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार श्रीवास्तव सहित कई सहायक, कार्यपालक, सेक्शन अफसर व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न् दिया गया.