।। कौशलेंद्र मिश्र ।।
पटना : सीरियल बम ब्लास्ट के पहले जहां खुफिया जानकारी जुटाने में लापरवाही बरती गयी, वहीं जीआरपी ने एफआइआर में भी कई खामियां छोड़ दीं. ऐसा लगता है कि पुलिस इस मामले में काफी हड़बड़ी में थी. सुबह 9:30 बजे घटना हुई और पूर्वाह्न् 11:25 बजे बयान दर्ज कर लिया गया. पटना जंकशन रेल थाने में दर्ज इस एफआइआर को लेकर राजनीतिक हमले भी तेज हो गये हैं. आरपीएफ की ओर से भी एफआइआर में दर्ज बयानों पर आपत्ति जतायी जा रही है.
* जंकशन रेलवे प्रभारी पर उठ रहे कई सवाल
पटना जंकशन रेलवे थाना प्रभारी राम पुकार सिंह घटना से पहले कहां थे, इस बात की जानकारी किसी को नहीं है. लेकिन, उन्होंने सुबह 9:30 बजे के करीब खुद को प्लेटफॉर्म स्थित फुट ओवर ब्रिज पर जांच करते हुए बताया है. कहा कि ड्यूटी पर जब वह जांच कर रहे थे, तभी उन्हें तेज आवाज सुनायी दी. वह भाग कर शौचालय की ओर गये.
वहां बम विस्फोट के बाद टुकड़े-टुकड़े हो चुके काले बैग को देखा. एक दाढ़ीवाला लड़का इसी प्रकार के बैग को लेकर भाग रहा था, जिसे उन्होंने संदेह के आधार पर पकड़ने के लिए कहा. सवाल यह उठता है कि टुकड़े-टुकड़े हो चुके बैग से उन्होंने उक्त युवक के पास मौजूद बैग का मिलान कैसे कर लिया. यही नहीं उन्होंने कुछ ही देर में गिरफ्तार आतंकी इम्तियाज से उसका नाम-पता व सहयोगियों के बारे में विस्तृत जानकारी भी उगलवा ली. वह भी सही-सही. यह बात रेलवे के अधिकारियों को भी नहीं पच रही है.
* आतंकी से पूछा, बम का वैध लाइसेंस है क्या
रेल थाना प्रभारी रामपुकार सिंह ने अपने द्वारा दर्ज बयान में ही यह स्वीकार किया कि उन्होंने गिरफ्तार आतंकी इम्तियाज से यह पूछा, क्या उसके पास बम का वैध लाइसेंस है? जैसे वह कोई सामान्य नागरिक या फौजी हो जो बम लेकर खुलेआम पटना जंकशन पर घूम रहा हो.
* एफआइआर सिर्फ जांच शुरू करने का आधार
पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों की मानें, तो पटना जंकशन में हुए बम विस्फोट को लेकर दर्ज कराये गये मामले में कुछ खामियां हो सकती हैं, लेकिन इसका कानूनी रूप से महज जांच कार्रवाई शुरू करने मात्र ही उपयोगिता है. इस कांड की जांच में मिले साक्ष्य व गिरफ्तार आतंकी इम्तियाज द्वारा दिया गया बयान ही कोर्ट में काफी दमदार साबित होगा.