गांधी मैदान में एक के बाद एक छह धमाके हुए. सारे बम जमीन के नीचे हुए थे, धमाकों के बाद दहशत फैल गयी और लोग डर–डर कर कदम रखने लगे. देर रात तक इस बात का अंदेशा जताया जा रहा था कि कई और बम मैदान में दबे हो सकते हैं. इसके बाद मैदान सील कर दिया गया है.
नहीं था सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम :
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मंगल: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि पुलिस के आला अधिकारियों के आश्वासन के बावजूद सीरियल विस्फोट होने का मतलब साफ है कि सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं था.
फेल साबित हुई व्यवस्था :
रामकृपाल: राजद के प्रधान महासचिव व सांसद रामकृपाल यादव ने सीरियल बम ब्लास्ट को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि सरकार बताए, कैसे हुआ सीरियल ब्लास्ट. इंटेलिजेंस फेल्योर का परिणाम है यह घटना.
नैतिक जिम्मेवारी लेनी होगी:
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अशोक : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी का कहना है कि सीरियल ब्लास्ट की नैतिक जिम्मेवारी सरकार को लेना होगा. पुलिस का खुफिया तंत्र फेल्योर साबित हुआ है.
सीबीआइ जांच से होगा खुलासा: विजय कांत: सीपीआइएम के राज्य सचिव विजय कांत ठाकुर का कहना है कि घटना दुखद है. पुलिस प्रशासन का दावा खोखला साबित हुआ. मामले का खुलासा सीबीआइ जांच से ही संभव है.
जांच का विषय है सीरियल ब्लास्ट:
कुणाल: माले के राज्य सचिव कुणाल का कहना है कि बगैर जांच के इस घटना पर कुछ भी बोलना उचित नहीं है. सीरियल बम ब्लास्ट की घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
स्टैंडर्ड नहीं था मोदी का भाषण:
ठाकुर: जदयू नेता व पूर्व विधान पार्षद कमल नाथ सिंह ठाकुर ने सीरियल ब्लास्ट की निंदा करते हुए कहता है कि लोकतंत्र में हिंसा का स्थान है. भाजपा के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का भाषण स्टैंडर्ड भाषण नहीं था.
घटना की जांच कराये केंद्र व राज्य सरकार :

मुन्ना: नव निर्माण मंच के संस्थापक और पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि बिहार से आतंकवादियों का सूत्र जुड़ता रहा है. सरकार को जांच कराना चाहिए.
– बम में आइइडी का किया गया इस्तेमाल : डीजीपी
– गिरफ्तार शख्स से मिली महत्वपूर्ण सूचना
पटना : डीजीपी अभयानंद ने विस्फोट में इस्तेमाल किये गये बमों को लो एक्सप्लोसिव का बताया. सीएम आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एफएसएल जांच कर रही है. रिपोर्ट मिलने पर ही पता चल सकेगा कि बम की वास्तविक क्षमता क्या थी.
डीजीपी ने कहा, बम विस्फोट में आइइडी का इस्तेमाल किया गया है. संभव है कुछ में टाइमर भी लगाये गये हों. अब विस्फोट में क्रूड बम का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. बम निरोधी दस्ता कम होने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि आइइडी को डिफ्यूज करने में विस्फोट होता है.
कभी यह आवाज करता है, तो कभी नहीं. संभव है जवान ने चूक की हो, जिसके कारण वह जख्मी हो गया. जंकशन पर एक शख्स की गिरफ्तारी हुई है. पूछताछ जारी है. उसके पास से कुछ नंबर व महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं.
प्रारंभिक जांच में कई महत्वपूर्ण सूचनाएं मिली हैं. वैसे 24 या 48 घंटे में पता चल जायेगा कि बम विस्फोट में उसकी क्या भूमिका है. उन्होंने मानव बम के इस्तेमाल से इनकार किया. रैली को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम के लिए जो भी व्यवस्था की जानी चाहिए, वह की गयी थी. दूसरे राज्यों की भी पुलिस आयी थी. पूरा रिहर्सल हुआ है. संयुक्त रूप से पूर्वाभ्यास किया गया था. जंकशन पर बम मिलने के बाद रैली रद्द करने का अनुरोध पुलिस प्रशासन ने नहीं किया था. सभी वरिष्ठ नेताओं की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था थी.
विस्फोटों की जांच में केंद्र का मदद का आश्वासन
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नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने पटना में हुए विस्फोटों की जांच में बिहार सरकार को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया. विस्फोटों को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा, ‘हमने बिहार सरकार को आश्वासन दिया है कि हम मामले की जांच में हरसंभव सहयोग करेंगे.’
इस बीच मंत्रालय ने एनआइए और एनएसजी की टीम पटना के लिए रवाना कर दी है, जो जांच कार्य में राज्य पुलिस की मदद करेगी. सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंत्रलय ने विस्फोटों को लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. मंत्रलय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह बमों की प्रकृति और इसके पीछे जिम्मेदार संदिग्ध व्यक्तियों या संगठनों के बारे में जो भी जानकारी उपलब्ध हो, मुहैया कराये. साथ ही यह भी बताये कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए उसने क्या कदम उठाये हैं.
हर गड्ढे व कोने को छान मारा
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पटना : आतंकी हमलों की जांच करनेवाली प्रमुख सुरक्षा एजेंसी नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम पटना पहुंच गयी है. पहली टीम बोधगया से तीन बजे तक पटना पहुंची. उसने गांधी मैदान को अपनी सुरक्षा घेरे में ले लिया. इसके तत्काल बाद विशेष विमान से एनआइए के एसपी विकास वैभव के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम पटना पहुंची.
इस टीम में नेशनल सिक्यूरिटी एजेंसी (एनएसजी) के प्रमुख सदस्य शामिल थे. नयी दिल्ली से पहुंची जांच टीम में बम विस्फोटों की जांच में माहिर एनएसजी के एक्सपर्ट को शामिल किया गया है. एनआइए की टीम द्वारा गांधी मैदान के एक–एक गड्ढे व कोने को छान मारा गया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि गांधी मैदान स्थित मुख्य मंच के पास से भी एक जिंदा बम बरामद किया गया.
एनआइए द्वारा विस्फोट स्थलों से विस्फोट के सैंपल उठाये गये हैं. इनमें आइइडी के इस्तेमाल की प्रारंभिक जानकारी मिली है. चार जिंदा बरामद बम की फोटोग्राफी कर एनआइए द्वारा विस्फोट कर निष्क्रिय कर दिया गया.
आइएम का स्लीपर सेल एक दिन पहले आया : विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि इंडियन मुजाहिद्दीन के स्लीपर सेल का एक दस्ता एक दिन पहले ही पटना पहुंच गया था. इस दस्ते में करीब सात सदस्य शामिल होने की संभावना है. स्लीपर सेल के ही एक सदस्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. सूत्रों की मानें, तो गिरफ्त में आये एक संदिग्ध ने सीरियल बम ब्लास्ट में संलिप्तता स्वीकार कर लीहै.
गांधी मैदान सील
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गांधी मैदान को सील कर दिया गया है. सभी गेट बंद कर दिये गये हैं और वहां सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है. एनआइए की टीम जब तक जांच नहीं कर लेती है, तब तक गांधी मैदान में आम लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है. जिला नियंत्रण कक्ष के प्रभारी दंडाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने इसकी पुष्टि की.
पुलिस मुख्यालय में देर रात तक बैठक–दर–बैठक
राज्य पुलिस मुख्यालय में दोपहर बाद से दौर देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा. पहले गृह विभाग के प्रधान सचिव डीजीपी अभयानंद के कक्ष में पहुंचे और बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ. बैठक में डीजीपी के साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे. वहीं, मुख्यमंत्री आवास से बुलावा आने के बाद डीजीपी, गृह सचिव व मुख्य सचिव सचिवालय से रवाना हो गये.
इस बीच तमाम पुलिस अधिकारियों की नजर मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिक गयी. उसके बाद उन्होंने डीजीपी की ब्रीफिंग को ध्यान से सुना. इस बीच सभी अधिकारी पुलिस प्रमुख के कार्यालय लौटने की प्रतीक्षा करते रहे. गुजरात के अपर पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा शाम 7.30 बजे पुलिस मुख्यालय पहुंचे.
वहां, पहले से ही अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) रवींद्र कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक विधि व्यवस्था एसके भारद्वाज, अपर पुलिस महानिदेशक, रेल पीएन राय आदि मौजूद थे. सबने जांच की दिशा व अन्य बिंदुओं पर विचार विमर्श किया.
जिसने भी वो मंजर देखा, दहल गया

प्रभात खबर रिपोर्टर्स से कुछ कदम की दूरी पर हुए धमाके, उनकी जुबानी पूरी घटना
।। पंकज कुमार सिंह ।।
गांधी मैदान में महात्मा गांधी की पुरानी प्रतिमा के पास रैली में आये लोगों से बात कर रहा था. 11.40 बज रहे थे. अचानक मैदान के उत्तर–पूरब कोने पर जोरदार धमाका हुआ. पटाखा फोड़ कर शरारत का लोग अंदाजा लगा रहे थे.
इसी बीच आधा दर्जन घायलों को गांधी प्रतिमा के निकट बने भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के कैंप में प्राथमिक उपचार के लिए लाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए तुरंत एबुंलेंस से पीएमसीएच भेजा गया. गंभीर रूप से घायल मधेपुरा के जनार्दन प्रसाद मंडल व दरभंगा के डॉ आरडी महतो ने बताया कि मिट्टी के अंदर बम दबा कर रखा था.
अभी एबुंलेंस पीएमसीएच भी नहीं पहुंचा था कि दूसरा धमाका 12.06 बजे मैदान के दक्षिण पश्चिम कोने पर हुआ. भगदड़ मच गयी. तीसरा धमाका 12.08 बजे दक्षिण–पश्चिम कोने पर हुआ. चौथा धमाका 12.14 बजे अहिंसा के पुजारी गांधी जी की प्रतिमा के ठीक आगे हुआ. मैं घटनास्थल से ठीक 35 फुट की दूरी पर पूरब खड़ा था. बम को यहां आधा फुट नीचे मिट्टी और प्लास्टिक से छुपा रखा गया था.
इस घटना में नालंदा जिले के सरमेरा प्रखंड के आधा दर्जन लोग घायल हो गये. भगदड़ मच गयी. धमाकों के साथ ही भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का गुस्सा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ फूट रहा था. कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैग बेचनेवालों को पीट कर बम बिस्फोट का गुस्सा उतारा. गांधी प्रतिमा के निकट विस्फोट में नालंदा जिले के सरमेरा के पूर्व भाजपा अध्यक्ष चंद्रमणि प्रसाद की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी.
सरमेरा प्रखंड किसान मोरचा के अध्यक्ष गनौरी सिंह, स्नेही महतो, प्रमोद कुमार और विनय कुमार सिन्हा घायल हुए. जगह–जगह मैदान पर खून का कतरा दिख रहा था. पांचवां धमाका 12.22 बजे गांधी प्रतिमा के पश्चिम लगभग बीच मैदान पर हुआ. इसमें एक पुलिस जवान के साथ ही आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. छठा और अंतिम धमाका 12.44 बजे हुआ.
हुंकार भरने मंच पर मोदी के पहुंचने के ठीक पंद्रह मिनट पहले तक मैदान के लगभग हर कोने और बीच मैदान में छह धमाके गूंज चुके थे. घटना के लिए लोग नीतीश सरकार को जिम्मेवार ठहरा रहे थे. चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार, डॉ राजेंद्र प्रसाद राय व धीरेंद्र पटेल ने बताया कि घायल दो दर्जन लोगों को पीएमसीएच भेजा गया.
जगह–जगह बिखरे पड़े थे खून
।। जितेंद्र कुमार ।।

समय 11.40 बजे. मैं बिस्कोमान टावर के 16वें तल्ले पर चढ़ कर गांधी मैदान में रैली में आयी भीड़ की तसवीर उतार रहा था. फोटो उतार कर जैसे ही पीछे मुड़ा पहला धमाका हुआ. विस्फोट की आवाज सुन कर सोचा, चलो देखते हैं. 16वें तल्ले से ही धुआं दिख रहा था और लगा कि लोग इधर–उधर भाग रहे हैं. तेजी से नीचे उतरा और दौड़ते–दौड़ते घटनास्थल पर पहुंचा.
वहां कुछ लोग नारेबाजी कर रहे थे. उनसे पूछा, धमाका कहां हुआ. एक ने बताया, सामने तो ही हुआ है. घटनास्थल पर गड्ढे को देखने के लिए भीड़ लगी थी. मैंने उसकी तसवीर खींची. खून के छींटे भी जगह–जगह थे. घायल व्यक्ति को खोजने सड़क पर पहुंचा, तब तक कारगिल चौक के निकट पुलिस चौकी के पीछे दूसरे धमाके की आवाज सुनायी पड़ी. चहारदीवारी फांद कर घटनास्थल पर पहुंचा, तो देखा कि दो आदमी छटपटा रहे थे.
उनमें एक व्यक्ति की उम्र 65-70 वर्ष के करीब थी. दूसरे की उम्र 35-40 वर्ष थी. लोग घायल व्यक्ति को देख रहे थे, लेकिन मदद नहीं कर रहे थे. घायल व्यक्ति को उठाने के लिए मैंने पहला हाथ लगाया, तो और लोग भी आगे आये. तब तक एसएसपी मनु महाराज अपनी टीम के साथ पहुंचे.
इसी बीच एंबुलेंस पहुंचा. मैंने लोगों की मदद से दोनों घायलों को एंबुलेंस में चढ़ाया. इसी बीच, गांधी मैदान के बीचोबीच गांधी जी की छोटी प्रतिमा के पास तीसरा धमाका हुआ. मुङो धुआं जैसा दिखा. मैंने दूर से ही धुएं की तसवीर ली. वहां भी दो आदमी छटपटा रहे थे. उसी समय चौथा ब्लास्ट हुआ.
तब तक मैदान में भगदड़ की स्थिति बनने लगी थी. भीड़ को चीड़ कर आगे बढ़ा, तो देखा कि एक बुजुर्ग का सिर फटा है और खून बह रहा है. उन्हें भी देखनेवाला कोई नहीं था. कुछ पल बाद उनके करीब सहायक एसपी मनोज तिवारी अपनी टीम के साथ पहुंचे.
मैंने हुंकार को चीत्कार में बदलते देखा है
।। प्रभात रंजन ।।
गांधी मैदान का कारगिल चौक. दिन के साढ़े दस बजे हैं. रैली में शामिल होने के लिए पैदल और मोटरसाइकिल से जुलूस की शक्ल में लोग मैदान की ओर जा रहे हैं. थोड़ी देर के बाद 11:40 बजे एलफिस्टन सिनेमा हॉल के सामने और कारगिल चौक के पास अचानक विस्फोट हुआ. लोगों में भगदड़ का माहौल बन गया. लोगों को पता ही नहीं चला कि आखिर क्या विस्फोट हुआ.
लेकिन, कुछ ही मिनटों में दर्जनों लोगों को घायल और खून से लथपथ देख लोगों की जुबां पर बम फटा है कि आवाज आने लगी. एलफिस्टन सिनेमा हॉल के समीप से सभी घायलों को जैसे ही अस्पताल पहुंचाया गया, दूसरा विस्फोट सिनेमा हॉल के सामने मैदान परिसर में हुआ.
इस विस्फोट में इतनी ताकत था कि एक 60 वर्षीय बुजुर्ग हवा में उड़ गये और खून से लथपथ अवस्था में धरती पर गिरे. मैदान परिसर में झुंड बना कर मंच की ओर बढ़ रहे भीड़ तितर–बितर हो गया और आठ–दस लोग जमीन पर ही पड़े रह गये, जो घायल अवस्था में पड़े थे.
विस्फोट होने के दस मिनट के भीतर तीन एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को पीएमसीएच और अन्य अस्पताल की ओर ले गये. विस्फोट स्थल के सौ कदम पर ईंट–पर–ईंट रखी देख सिटी एसपी के साथ दर्जनों पुलिस बल चौंक गये और बम होने की अफवाह फैल गयी.
बिखरे जूता–चप्पल बयां कर रहे थे दहशत
।। शशिभूषण कुंवर ।।
मौर्यालोक होटल छोर से एसएसपी आवास तक हजार से अधिक जोड़े जूते–चप्पल बिखरे पड़े हैं. ये जूते–चप्पल जान बचा कर भागनेवालों के हैं. गांधी मैदान की दक्षिणी सड़क के डिवाइडर से सटे हुए ये जूते–चप्पल बम विस्फोट से पैदा दहशत की बयां कर रहे हैं. विस्फोट के बाद लोगों में भगदड़ मच गयी.
जो जैसे था, वैसे ही भागने लगा. देखते–देखते 10 हजार से अधिक भीड़ मैदान से बाहर निकल गयी. उधर रैली में आनेवालों का सिलसिला भी अंत तक बना रहा. बम की आवाज पूरे गांधी मैदान में सुनी जा रही थी. मंच से किसी भी नेता ने रैली में हुए बम विस्फोट की चर्चा नहीं की. अगर ऐसी चर्चा होती, तो शायद नरेंद्र मोदी के आने के पहले ही मैदान खाली हो जाता.
जितने भी विस्फोट हुए वे सभी नरेंद्र मोदी के मंच पर आने के पहले हुए. विस्फोट के बाद गांधी मूर्ति (चिल्ड्रेन पार्क छोर) के पास लावारिस झोला मिला. आइसक्रीम की लावारिस पेटी गांधी मूर्ति के सामने पड़ी थी. जैसे ही लोगों की उस पर नजर जाती, लोग भागने लगते. इसी तरह एक्जिबीशन रोड छोर के पास स्थापित गांधी मूर्ति के कैंपस में ही विस्फोट हुआ. विस्फोट के एक घंटे बाद पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी कर दी.
माले ने मांगी खबरदार रैली में बेहतर सुरक्षा
पटना : गांधी मैदान में 30 अक्तूबर को भाकपा माले की खबरदार रैली है. हुंकार रैली में बम विस्फोट की घटना के बाद भाकपा माले नेताओं ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की पुख्ता इंतजाम की मांग की है. रविवार को राज्य सचिव कुणाल की अध्यक्षता में पार्टी नेताओं ने रैली की सफलता की बैठक में चर्चा की.
तय किया गया कि सोमवार और मंगलवार को राजधानी में जोरदार प्रचार अभियान चलाया जायेगा. हुंकार रैली से खबरदार रैली में अधिक भीड़ जुटाने का भी दावा किया गया. बैठक में रामजी राय, कमलेश शर्मा सहित कई नेता मौजूद थे.
ये लोग हुए घायल
कमलेश कुमार चौबे, चनपटिया, बेतिया, अनिल कुमार तिवारी, सिमरी, बक्सर , अशोक कुमार, मसौढ़ी , अनिल कुमार सिंह, मोकामा, रामजी शर्मा, नेहरू नगर, पाटलिपुत्र , विजय कुमार शर्मा, राजीव नगर ,रामाज्ञा सिंह, मोकामा, विलास मांझी, जितेंद्र मिस्त्री, गोविंदपुर, फतुहा , हरिओम सिंह, वैशाली, गरीब सहनी, बेगूसराय, ललन प्रसाद, शंभू प्रसाद सिंह, नरेंद्र पाठक, मो. नसीम, कैमूर, महेश शर्मा, अरवल, सर्वेश प्रसाद, अमित कुमार, पुरुषोत्तम कुमार, नालंदा, हृदय लाल, नालंदा, मनोज कुमार, रोहतास , श्रवण कुमार, लखीसराय, शैलेंद्र सिंह, नालंदा, नागी सिंह, वैशाली , राजेश कुमार सिंह, समस्तीपुर, हरीश कुमार, अरवल, पप्पू कुमार, जैनेंद्र प्रसाद मंडल, बाबू राम, तरूण कुमार, धमेंद्र सिंह, दीपक कुमार, जहानाबाद , राम पुकार सिंह, अजीत कुमार, रजनीश कुमार, अविनाश कुमार , मनीष कुमार, मंटू कुमार, प्रिंस कुमार, नालंदा, रूपेश कुमार सिंह, जगदीश सोनार,सहरसा, नीतीश कुमार,जहानाबाद, रजनीश कुमार,जहानाबाद , ब्रजेश कुमार मिश्र, उदय कुमार नवीन कुमार साह, पटना जंकशन ब्लास्ट , चंद्रमणि प्रसाद , बिसकेंतू सिंह, कांस्टेबल , उमाशंकर यादव , प्रमोद राय, नालंदा , शैलेंद्र सिंह, नालंदा , सुरेश पासवान, लखीसराय ,सिंटू कुमार, नालंदा , राम सहनी महतो, नालंदा , नागेश्वर साह, मधुबनी, चंदन कुमार, रोहतास , समर आलम , पंकज कुमार,भागलपुर , अखिलेश कुमार सिंह, भोजपुर , अमित सरकार, पिपरा , लक्की कुमार, जहानाबाद , नागेंद्र सिंह, वैशाली, बृजनंदन सिंह, हाजीपुर , रामबदन सिंह, हाजीपुर , प्रभु गुप्ता, छपरा , आजाद कुमार ठाकुर,समस्तीपुर ,प्रशांत कुमार दुबे, गोपालगंज , प्रकाश मंडल, अररिया , मुकेश कुमार सिंह, रोहतास , सरकार कुमार , धर्मेद्र कुमार,जमुई ,मो. इसलाम, सराय , रामबदन सिंह, वैशाली, विनोद कुमार सिंह, गोपालगंज , उदय पांडेय, अर्जुन कुमार, भोजपुर ,अखिलेश कुमार, भोजपुर , राहुल तिवारी, जीएम रोड, पटना,अविनाश कुमार, शेखपुरा, कौशल कुमार, पुनपुन , मो. इम्तियाज, कमला नेहरू नगर, प्रेम कुमार ठाकुर, मधुबनी, संजीव कुमार, भगवानपुर, बेगूसराय
बम डिस्पोजल दस्ते के पास नहीं था सामान

राजधानी की सुरक्षा में ढेरों खामियां
।। सुमित ।।
पटना : करबिगहिया के दस नंबर प्लेटफॉर्म पर सुलभ शौचालय में बरामद हुए टाइमर बम को डिफ्यूज करने में पुलिस के पसीने छूट गये. सुबह नौ बजे पहले विस्फोट के घंटे भर बाद बम डिस्पोजल टीम पहुंच तो गयी, मगर उनके पास बम डिस्पोजल का सामान ही नहीं था.
सामान पहुंचने पर दोपहर 12.15 बजे बम को डिफ्यूज करने की कोशिश हुई, मगर 25 मिनट बाद ही यह बम विस्फोट कर गया. इस विस्फोट में बम स्क्वायड टीम के नवीन मिश्र घायल हो गये. उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया. अगर उन्होंने सुरक्षा उपकरण नहीं पहन रखे होते, तो उनकी जान भी जा सकती थी.घटना करीब सुबह नौ बजे हुई. मगर टीवी चैनलों के माध्यम से आम लोगों को साढ़े दस बजे इसकी जानकारी हुई.
इसके बाद दनादन पुलिस अधिकारियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. पुलिस कर्मियों ने सबसे पहले गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्ति को हटाया. तब तक रेल एसपी यूके सिन्हा भी पहुंचे गये थे. पौने ग्यारह बजे एसएसपी मनु महाराज ने भी घटनास्थल की जांच की.
उन्होंने बताया कि एक बम विस्फोट कर गया है, जबकि दो बम अभी जिंदा हैं. उन्होंने कहा कि एफएसएल की टीम पहुंच रही है. उनकी जांच के बाद ही विस्फोट के असल कारणों का खुलासा हो सकेगा. इस बीच सिटी एसपी जयंत कांत भी पहुंचे.
एक संदिग्ध भी हिरासत में
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रेल एसपी ने बताया कि एक संदिग्ध को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने हर पहलू पर छानबीन के बाद ही विस्फोट के कारणों का खुलासा होने की बात कही. ग्यारह बजे एसएसपी घटनास्थल से निकले, पर पांच मिनट बाद ही वापस लौटे और मीडिया से बात की. उनके पंद्रह मिनट बाद ही पूमरे के आरपीएफ आइजी अतुल पाठक भी पहुंचे. विस्फोट स्थल से बरामद एक पर्स, जूता और चश्मा भी मीडिया को दिखाया गया.
जमालपुर का था बम स्क्वायड
जंकशन पर तैनात जमालपुर के बम स्क्वायड टीम ने जांच के बाद बम को टाइमर बताया. इस बीच घटनास्थल के बाहर रस्सी लगा कर घेर दिया गया. मीडियाकर्मियों को भी दूर रहने की हिदायत दी जाती रही. दोपहर 12.15 बजे सामान के साथ जांच शुरू हुई. एफएसएल की टीम भी नमूना लेकर आयी. मगर कुछ देर बाद ही जोरदार धमाका हुआ. इसके बाद धुआं फैल गया. धुआं छंटने पर बम स्क्वायड की टीम के सदस्य को बाहर निकाल कर उनको रेलवे अस्पताल में भरती कराया गया. जीआरपी इंस्पेक्टर रामपुकार सिंह के भी दोनों कान सुन्न हो गये थे.
बंद कर दिये गये काउंटर
धमाके के बाद शौचालय के बगल में स्थित करबिगहिया टिकट बुकिंग काउंटर को कुछ देर के लिए बंद कर दिया. एक जिंदा बम अंदर ही छोड़ कर शौचालय का शटर गिरा दिया गया. जिंदा बम देर शाम तक उसी तरह शौचालय के अंदर पड़ा रहा. शाम साढ़े पांच बजे इस बम को डिफ्यूज किया जा सका.
सीसीटीवी कैमरे से निगरानी में भी पुलिस विफल
पटना : गांधी मैदान में सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी रखने में पुलिस विफल रही है. रैली की सुरक्षा को लेकर गांधी मैदान और उसके आसपास एक दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया था, जहां पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गयी थी.
लेकिन, नियंत्रण कक्ष में तैनात पदाधिकारी सीसीटीवी कैमरे से संदिग्ध पर नजर रखने में फेल रहे. अगर वे सतर्क रहते, तो संभवत: आतंकी अपने मनसूबे में कामयाब नहीं हो पाते. कुछ जगहों पर जहां विस्फोट हुए, वहां सीसीटीवी कैमरा लगा था. खास बात यह है कि आतंकियों ने बम को गांधी मैदान के कई जगहों पर रखा, लेकिन एक भी जगह पर रखते हुए नियंत्रण कक्ष से न तो कोई देख पाया और न ही वहां तैनात सुरक्षाकर्मी ही देख पाये. घटना होने के बाद पुलिस सीसीटीवी के वीडियो फुटेज को खंगालने में लगी है. पुलिस उन तमाम जगहों का बारीकी से अध्ययन करने में लगी है.