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जिन्ना से लेकर जेपी तक के भाषण का साक्षी रहा है गांधी मैदान

पटना: पटना के जिस गांधी मैदान में आज भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने विशाल भीड़ को संबोधित किया वह ऐतिहासिक स्थल पहले भी कई जानेमाने लोगों की सभाओं का साक्षी रहा है जिनमें जयप्रकाश नारायण और सुभाष चंद्र बोस से लेकर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना तक हैं. मोदी ने […]

पटना: पटना के जिस गांधी मैदान में आज भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने विशाल भीड़ को संबोधित किया वह ऐतिहासिक स्थल पहले भी कई जानेमाने लोगों की सभाओं का साक्षी रहा है जिनमें जयप्रकाश नारायण और सुभाष चंद्र बोस से लेकर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना तक हैं.

मोदी ने 2014 के आम चुनावों में भाजपा को मजबूती प्रदान करने और बिहार में जदयू से अलग होने के बाद नीतीश कुमार के गढ़ में उन्हें ललकारने के लिए आज ‘हुंकार रैली’ के तौर पर राज्य में पहली जनसभा को संबोधित किया.पुस्तक ‘ट्रेजेडी ऑफ इंडियन सब-कांटिनेंट: पॉवर, कम्युनलिज्म एंड पार्टिशन’ के लेखक और गांधी संग्रहालय के निदेशक रजी अहमद ने अपनी किताब के एक अंश का हवाला देते हुए कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने 1938 में अपनी पार्टी मुस्लिम लीग में नई जान फूंकने के लिए इसी गांधी मैदान को चुना था.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 2 अक्तूबर को पुस्तक का विमोचन किया था.अहमद ने कहा कि अलग निर्वाचन क्षेत्र के प्रावधान वाले 1935 के कानून के आधार पर 1937 में बिहार में हुए चुनावों में मुस्लिम लीग 40 में से एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.जिन्ना ने इसी गांधी मैदान में मुस्लिम लीग की रैली आयोजित की थी जो उस वक्त बांकीपुर मैदान के तौर पर जाना जाता था.

अहमद ने कहा कि मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मोहम्मद अजीज गांधी मैदान के पास हथवा हाउस में रहते थे.अहमद ने पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और कानून के जानकार सरवर अली के हवाले से अपनी पुस्तक में कई बातें लिखी हैं जिन्होंने 1938 में जिन्ना का भाषण सुना था.अहमद ने बताया कि जिन्ना के भाषण ने कमाल कर दिया और 1946 में हुए प्रांतीय चुनावों में मुस्लिम लीग को 40 में से 36 सीटें मिल गयीं.उन्होंने कहा कि बांकीपुर मैदान को महात्मा गांधी की हत्या के बाद उनके नाम से पुकारा जाने लगा.

पटना के बीचोंबीच स्थित गांधी मैदान में कई ऐतिहासिक आयोजन होते रहे हैं.नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने फॉरवर्ड ब्लॉक के गठन के बाद 1939 में इसी मैदान पर पार्टी की एक महत्वपूर्ण सभा का आयोजन किया था.साल 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सत्ता से हटाने के संकल्प के साथ इसी मैदान से ‘संपूर्ण क्रांति’ का बिगुल बजाया था‘पटना एक स्वर्णिम धरोहर’ नाम की प्रदेश के कला और संस्कृति विभाग की एक पुस्तिका में वर्णन मिलता है कि गांधी मैदान को 1813 से 1833 के बीच तत्कालीन कमिश्नर मेटकाफ ने तैयार कराया था. शुरु में इसे बांकीपुर मैदान या इसके मालिक के नाम पर दोरंदा सिंह मैदान कहा जाता था.

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