पटना: भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने शुक्रवार को गांधी मैदान में जनाक्रोश रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस व भाजपा दोनों की जम कर आलोचना की. कहा, दोनों कारपोरेट घरानों की वकालत करते हैं. गरीबों – पिछड़ों के खिलाफ काम कर रहे हैं.
पार्टी महासचिव ने नरेंद्र मोदी और उनके गुजरात मॉडल को गरीब विरोधी बताया और कहा कि वहां गरीब वर्ग के बच्चे भुखमरी के शिकार हैं और नरेंद्र मोदी देश से गरीबी मिटाने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने देश में सांप्रदायिक ताकतों के उदय पर चिंता जतायी व कहा, गुजरात में हुए 2002 के दंगे के तर्ज पर मुजफ्फरनगर में भी मुसलमानों पर हमला किया गया. उन्होंने कहा, चुनावों में सांप्रदायिक दलों के नेतृत्ववाले गंठबंधन को हराना जरूरी है. इसके लिए वाम व धर्मनिरपेक्ष दलों को एकता बनानी होगी.
राष्ट्रीय महासचिव ने भाजपा पर हमला जारी रखते हुए कहा कि इसने बिहार में भूमि सुधार कानून को रोका. डी बंद्योपाध्याय कमेटी की सिफारिश के आधार पर कुछ सुधार की चर्चा हुई थी. लेकिन, भाजपा ने इसे अमल में नहीं लाने दिया. रेड्डी के इस एलान को लोकसभा चुनावों में भाकपा के जदयू से निकटता बढ़ने का संकेत माना जा रहा है. अब तक वाम दल भूमि सुधार कानून को लेकर नीतीश कुमार के प्रति हमलावर रहे हैं. सुधाकर रेड्डी के इस बयान से जदयू को बड़ी राहत मिल सकती है.
भाकपा महासचिव ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार गरीबों, मजदूरों और किसानों को राहत नहीं दे रही है, बल्कि उद्योगपतियों को करों में छूट देकर लाखों करोड़ का फायदा दिला रही है. गैस की कीमत बढ़ा कर केंद्र ने मुकेश अंबानी को 16 हजार करोड़ का फायदा दिला दिया. चावल, दाल, तेल सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ गये. देश में महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ रही है. बिहार सहित पंजाब, हरियाणा, ओड़िशा व आंध्रप्रदेश में किसानों की हालत खराब है. उन्होंने कहा, कांग्रेस व भाजपा की नीति समान है. कांग्रेस की तरह भाजपा भी पूंजीपतियों की समर्थक है. पूंजीवादी व्यवस्था के कारण ही गरीबी बढ़ रही है. अमेरिका व यूरोपीय देशों की अपेक्षा चीन, ब्राजील व क्यूबा की आर्थिक स्थिति ठीक है.
-गैरमजरूआ जमीन बांटे सरकार: राजेंद्र
भाकपा के राज्य सचिव राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में लाखों परिवार बेघर हैं. 21 लाख परिवारों को जोत की जमीन नहीं है. बिहार में सीलिंग से फाजिल और गैर मजरूआ 22 लाख एकड़ जमीन है, जिसे भूमिहीनों में वितरित किया जा सकता है. राज्य में 200 से अधिक जमींदार हैं, जिनके पास आज भी एक-एक हजार एकड़ से अधिक जमीन है. बावजूद सरकार भूमि सुधार कानून लागू नहीं कर रही है.
रैली की अध्यक्षता जब्बार आलम ने की
यूएन मिश्र ने प्रस्ताव रखा. बद्री नारायण लाल, पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, नागेंद्रनाथ ओझा, चंदेश्वर सिंह व सत्यनारायण सिंह सहित सभी नेता मौजूद थे. रैली में बड़ी संख्या में ग्रामीण गरीबों की भागीदारी थी.
न मनमोहन चाहिए, न मोदी
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव व सांसद गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि देश को न मनमोहन चाहिए और न ही नरेंद्र मोदी. महंगाई, भ्रष्टाचार व घोटाला की है मनमोहन सरकार. पूंजीपति नरेंद्र मोदी को सत्ता दिला कर जनता का खून चूसना चाहते हैं. मोदी को रैली करने के लिए करोड़ों रुपये कहां से मिले, बताना चाहिए. नरेंद्र मोदी जब गुजरात को भूख व बेरोजगारी से मुक्त नहीं करा सके, तो हिंदुस्तान को क्या बचायेंगे.
सरकार की गलत नीति ने जनता से दाल, चीनी, प्याज व अनाज छीन लिया. पिछले 60 सालों से अधिक समय तक बिहार में किसी भी सरकार ने कल-कारखाने लगाने और पानी की बेहतर व्यवस्था करने का काम नहीं किया. आम जनता को बेहतर शासन के लिए संघर्ष करना होगा. आगामी 12 दिसंबर को दिल्ली में केंद्र सरकार का घेराव होगा.