होर्डिग वार ने चौराहों पर लगी महापुरुषों की पहचान को लुप्त कर दिया है. शहर में दूर-दूर तक जहां भी नजर जाती है, वहां महापुरुषों की प्रतिमा की जगह राजनेताओं की तसवीरें दिखती हैं. होर्डिग के आगे न पटेल ठीक से दिख रहे हैं, न ही जेपी, न दारोगा प्रसाद राय और न ही राम गुलाम. इस पर प्रभात खबर संवाददाता ने शहर के कई चौकों का जायजा लिया.
पटेल चौक
चितकोहरा पुल के समीप पटेल चौक पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदमकद प्रतिमा है. गोलंबर के बाहर ग्रिल पर दर्जन भर से अधिक होर्डिग लगे हैं. एयरपोर्ट से पटेल चौक की ओर आने पर ठीक से पटेल की प्रतिमा नहीं दिखती है. पुल से भी नीचे उतरने पर पटेल नहीं दिखते हैं.
शहीद स्मारक
विधानसभा गेट के सामने शहीद स्मारक है. यहां सात शहीदों की प्रतिमा है. यारपुर पुल की ओर से विधानसभा के रास्ते आगे बढ़ने पर रैली की होर्डिग ग्रिल पर लगी है, जबकि यहां किसी तरह की होर्डिग लगाने की इजाजत नहीं है.
जेपी गोलंबर
होटल मौर्या के सामने जेपी गोलंबर के ग्रिल पर एक-दो नहीं बल्कि 20 से अधिक होर्डिग लगी है. मौर्या लोक और तारामंडल के सामने गोलंबर पर भी होर्डिग लगी है.