पटना: रविवार को आयी आंधी-पानी ने ही बिजली कंपनी की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी. चाक-चौबंद इंतजाम के तमाम दावे के बावजूद राजधानी के कई हिस्से में 48 घंटे से अधिक समय तक लगातार बिजली गुल रही.
कहीं 11 हजार केवी हाइ टेंशन तार पर गिरे पेड़ ने, तो कहीं ग्रिड सब स्टेशन व फीडर ब्रेक डाउन ने बिजली आपूर्ति में जबरदस्त खलल डाला. अभियंताओं की उदासीन कार्यप्रणाली भी परेशानी का सबब बनी रही. लगातार तीन दिनों तक बिजली आपूर्ति बाधित रहने से हजारों लोग पेयजल संकट से जूझते रहे.
बाहरी हिस्से में अधिक परेशानी : बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी का सबसे अधिक प्रभाव शहर के बाहरी हिस्से में दिखा. इन फीडरों के लंबे 11 केवी तार पर जगह-जगह पेड़ की डालियां व पंडालों का बड़ा भाग टूट कर गिर पड़ा, जिससे घंटों बिजली आपूर्ति बाधित हुई. वहीं, लगातार हो रही बारिश की वजह से गड़बड़ियों को समय पर दूर नहीं किया जा सका. 80 फीसदी ब्रेक डाउन की शिकायत 11 केवी लाइन में ही रही, जबकि शेष 20 फीसदी शिकायत 33 केवी लाइन में देखी गयी.
कई ट्रांसफॉर्मर जले, फ्यूज कॉल ने किया परेशान : बारिश के दौरान शहर के लगभग दो दर्जन ट्रांसफॉर्मर फूंक गये. हार्डिग पार्क के पास जले ट्रांसफॉर्मर को मंगलवार को बदला गया, जबकि गर्दनीबाग के अलकापुरी का जला ट्रांसफॉर्मर तीन दिन बाद भी नहीं बदला जा सका. वहीं, दूसरे प्रमंडलों में भी कई ट्रांसफॉर्मर जले. बारिश थमने के बाद फ्यूज कॉल को लेकर सबसे अधिक शिकायतआयी. इन फ्यूज कॉल को मेंटेन करने में अभियंताओं के पसीने छूट गये. फ्यूजकॉल परेशानी दूर करने में बिजली कर्मियों की कमी महसूस हुई.