पटना : फैलिन चक्रवात के कारण पिछले दो दिनों में बिहार में भारी बरिश हुई. इस दौरान औसत 125.3 मिलीमीटर की बारिश हुई और भोजपुर, सीवान एवं पटना लगातार हुई बारिश से सबसे अधिक प्रभावित रहे.हालांकि आज सुबह से यहां बारिश कम हो गयी. आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार बारिश वाले बादल अब पड़ोसी नेपाल की तरफ चले गये हैं.
उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमानों में गंडक और कोसी नदी के पास के इलाकों में आज बारिश होने की बात कही गयी है.प्रधान सचिव ने कहा कि किसी भी विपरीत स्थिति के लिए सभी तैयारियां कर ली गयी हैं.
बिहार मौसम विभाग के निदेशक आरके गिरी ने कहा कि फैलिन चक्रवात की वजह से पिछले दो दिनों में राज्य में भारी बारिश हुई.तेज हवाओं के साथ आयी बारिश ने लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया. बारिश से दशहरा और दुर्गा पूजा का मजा किरकिरा हो गया.
मौसम विभाग के सूत्रों ने कहा कि बिहार में इस मौसम में आमतौर पर होने वाली 3.2 मिलीमीटर की बारिश की जगह औसत रुप से 125.3 मिलमीटर की बारिश हुई.फैलिन चक्रवात की वजह से भोजपुर, सीवान और पटना में सबसे मूसलाधार बारिश हुई.
तेज बारिश और आंधी से पटना सहित प्रदेश के कई जिलों में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पटना रेलवे स्टेशन के पास बने पूजा पंडाल पर हाई टेंशन तार गिर गया और कई इलाकों में पेड़ों के गिरने से आवागमन प्रभावित हो गया है. समस्तीपुर में घर गिरने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई है.
चक्रवाती तूफान 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वी तट पर तबाही मचाने के बाद सोमवार शाम को कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी.

मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार दोपहर तक कम दबाव के क्षेत्र में बदला तूफान फैलिन अब और कमजोर हो गया है और अब यह दक्षिण पूर्व में बिहार और उसके आसपास के इलाकों के उपर ठहर गया है जहां इसकी रफ्तार 25-35 किलोमीटर प्रति घंटा बनी हुई है.
कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने का मतलब है कि मौसम विभाग अब इसे एक सामान्य मौसमी बदलाव मानकर चल रहा है और यह तूफान की श्रेणी से दूर हो चुका है.
हालांकि मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अपनी तीव्रता में भारी कमी के बावजूद कम दबाव के क्षेत्र में अभी भी बादल हैं जिनसे बिहार, नेपाल के उप हिमालयी क्षेत्रों, पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम में अगले 24 से 48 घंटों के बीच भारी बारिश होगी.
मौसम विभाग के एक वैज्ञानिक ने बताया, हालांकि तीव्रता कम हो गयी है लेकिन हम अगले 72 घंटे इस पर नजर रखेंगे क्योंकि जहां-जहां से यह गुजरेगा, वहां भारी बारिश की संभावना है.

इस तूफान को पहली बार तीन अक्तूबर को उत्तरी अंडमान समुद्र में देखा गया था जो धीरे-धीरे बेहद भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया और 12 अक्तूबर को यह कलिंगपटनम और परादीप के बीच पहुंच गया जिसका केंद्र ओडिशा के गोपालपुर में था.