पटना : कांग्रेस के साथ चुनावी तालमेल की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया है कि वह वाम दलों की दिल्ली की संयुक्त रैली में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री ने जनता के दरबार के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जदयू इस रैली में हिस्सा लेगा.
30 अक्तूबर को नयी दिल्ली में सांप्रदायिकता विरोधी रैली आयोजित की गयी है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने तीसरे मोरचे की संभावनाओं पर फिलहाल किसी तरह की टिप्पणी देने से परहेज किया. सोमवार को ही नयी दिल्ली में सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने चुनाव के बाद तीसरा मोरचा बनाने की बात कही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार गैर कांग्रेसवाद की जोरदार लहर बनी थी. इसको समाप्त करने का काम भाजपा ने अपने एक्शन से किया. यही तो हमारी शिकायत है. तीसरा मोरचा के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल जदयू कहीं नहीं है. पार्टी में इस मुद्दे पर कोई बातचीत भी नहीं हुई है.
निर्णय तो दूर, अभी इसके प्रस्ताव पर भी चर्चा नहीं हुई है. जदयू नेता शिवानंद तिवारी द्वारा कांग्रेस के साथ जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, यह उनका निजी विचार हो सकता है. वर्तमान एजेंडे में पार्टी के कार्यक्रम हैं. राजगीर में अक्तूबर में प्रशिक्षण शिविर निर्धारित है. इसके बाद ही गंठबंधन को लेकर कोई विचार होगा. हम पहले एक गंठबंधन में थे.
किन कारणों से हमें स्वतंत्र रास्ता चुनना पड़ा, वह सबको मालूम है. ऐसी परिस्थिति उत्पन्न की गयी कि हमने अलग होने का निर्णय लिया. बिहार दौरे पर आये केंद्रीय ग्रामीण मंत्री जयराम रमेश द्वारा विशेष दर्जा को लेकर दिये गये बयान पर नीतीश कुमार ने दो टूक जवाब दिया. कहा, विशेष राज्य के दर्जे का निर्णय प्रधानमंत्री, योजना आयोग व वित्त मंत्री से संबंधित है.
व्यक्तिगत तौर पर उनसे कोई मतलब नहीं है. रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट के बाद अब तो तार्किक आधार भी हैं. बिहार ही नहीं, उस कसौटी पर जो भी पिछड़े राज्य हैं, उन्हें भी विशेष दर्जा दिया जाये. अविलंब इस पर निर्णय लिया जाना चाहिए. केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा है. वित्त मंत्रलय को ही आगे निर्णय लेना है.
नरेंद्र मोदी द्वारा शौचालय व देवालय को लेकर दिये बयान पर उन्होंने मीडियाकर्मियों पर चुटकी ली कि आपका रेकॉर्ड एक ही जगह पर अटक गया है. उन्होंने इस सवाल पर बिहार में बीपीएल के साथ ही एपीएल को शौचालय बनाने की योजना लोहिया स्वच्छता कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया.
– तीसरे मोरचे से किया इनकार, गंठबंधन पर चर्चा नहीं होने की बात दुहरायी
– विशेष दर्जे पर निर्णय जयराम का नहीं, पीएम व वित्त मंत्री का
– लोस चुनाव के बाद बनेगा तीसरा मोरचा : मुलायम
नयी दिल्ली : समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद तीसरा मोरचा बनेगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगला प्रधानमंत्री तीसरे मोरचे का ही होगा. चुनाव से पहले मोरचे के गठन की संभावना से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि, यदि ऐसा हुआ, तो विभिन्न दलों के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद उत्पन्न हो जायेंगे.
मुलायम का कहना सही है. इस संबंध में बातचीत चल रही है.
(शरद यादव, जदयू अध्यक्ष)
भाजपा ने किया रांग नंबर डायल : नीतीश
चारा घोटाले को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा आरोप लगाये जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से यह मामला चल रहा है, 14-15 बार सुन चुका हूं. कई बार तो सीबीआइ की ओर से की गयी पूछताछ में भी नाम आने की खबर छपती रही है. ट्रायल के दौरान कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर कई निर्णय लिये हैं. दरअसल, भाजपा नेताओं ने रांग नंबर डायल कर दिया है. गलत घर में न्योता दे दिया है.जो नेता आरोप लगा रहे हैं, क्या वे पहले से मेरा नाम नहीं जानते थे. यह मामला तो 1995-96 से ही चल रहा है. अब तक केवल नाम सुनते ही रहे हैं. एक बार फिर नाम की चर्चा सुन रहा हूं.
हुंकार रैली के नाम पर सनसनी फैला रहे हैं भाजपा नेता
27 अक्तूबर को हुंकार रैली के दिन जान–बूझ कर राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यक्रम निर्धारित किये जाने के भाजपा के आरोप को मुख्यमंत्री नीतीश ने सिरे से खारिज किया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को बोलने की आदत हो गयी है. भाजपा नेताओं को प्रचार पाने व सनसनी फैलाने की आदत सी हो गयी. सुशील मोदी का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि मेरे साथ काम करनेवाले लोग भी बोलने के आदी हो गये हैं. राष्ट्रपति से जुड़ा मामला हॉट केक के रूप में भंजाया जा रहा है. पटना से नयी दिल्ली तक खबरें छपेंगी, इसलिए बोल रहे हैं.
राष्ट्रपति के कार्यक्रम की सूचना सीधे राष्ट्रपति भवन से आती है. कभी–कभार राज्य सरकार से परामर्श लिया जाता है. 26-27 अक्तूबर को प्रस्तावित कार्यक्रम जुलाई में ही तय हुआ था. कार्यक्रम की सूचना सीधे राष्ट्रपति भवन से आयी है और राज्य सरकार से इसमें परामर्श नहीं लिया गया है. राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए राज्य सरकार को नियमानुसार सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाएं करनी होगी. दोनों दिनों का कार्यक्रम राज्य सरकार का नहीं है. एक दीक्षांत समारोह है, तो दूसरा भोजपुर में केंद्र सरकार की ओर से ही निर्धारित है.