पटना : बिहार में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की 27 अक्टूबर के दिन होने वाली रैली के दौरान ही राष्ट्रपति के प्रणब मुखर्जी के भी दौरे पर भाजपा की आलोचना के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि मुखर्जी का यहां आने का कार्यक्रम सीधे राष्ट्रपति भवन से आया है और यह पहले से तय था.
यहां मुख्यमंत्री आवास पर आज आयोजित जनता दरबार के बाद नीतीश ने कहा कि राष्ट्रपति का यहां आने का कार्यक्रम सीधे राष्ट्रपति भवन से आया है. यह कार्यक्रम पहले से तय था और जैसा उन्हें बताया गया कि शायद जुलाई में ही उनके कार्यक्रम की सूचना यहां आ गयी थी. नीतीश ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति का कार्यक्रम तय करने को लेकर कभी-कभी राज्य सरकार से पूछा जाता है और कभी सीधे वहां से कार्यक्रम आ जाता है. इस बार राष्ट्रपति का कार्यक्रम सीधे वहीं (राष्ट्रपति भवन) से आया है.
राष्ट्रपति के 26-27 अक्तूबर को बिहार में निर्धारित कार्यक्रम के समय ही गांधी मैदान में आयोजित ‘हुंकार रैली’ में व्यवधान पडने को लेकर राष्ट्रपति को पत्र लिखे जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि प्रचार पाने के लिए कुछ सनसनी फैलाने की इन लोगों की आदत है. आगामी 27 अक्तूबर की इस रैली को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति 26 अक्तूबर को आईआईटी के दीक्षांत समारोह में शिरकत करेंगे और उसके अगले दिन आरा में पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे.
नीतीश ने बताया कि राष्ट्रपति के बिहार में जो दो कार्यक्रम हैं उसके आयोजन में राज्य सरकार का सीधा संबंध नहीं है उनके कार्यक्रम के बारे में निर्णय ‘हमें’ नहीं लेना है और उसके बारे में फैसला जहां से कार्यक्रम आया है, वहीं से लिया जा सकता है तथा उसमें हम लोगों की कोई भूमिका नहीं है.
नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति के किसी दौरे को लेकर कानून के मुताबिक राज्य सरकार को जो व्यवस्था करनी होती है, वह की जा रही है. पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नितिन नवीन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर भाजपा हुंकार रैली के मद्देनजर उनसे 26-27 अक्तूबर के बिहार दौरे में बदलाव करने का अनुरोध किया है.
भाजपा की एक मांग के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि यह राज्य सरकार से संबंधित मामला ही नहीं है जहां से यह संबंधित है वहां बात करें लेकिन अनावश्यक हर चीज में राज्य सरकार को घसीटना उचित नहीं है, पर अब यह उनकी (भाजपा) आदत बन गयी है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि किसी के कार्यक्रम को कोई क्यों और किसी बात के लिए रोक लगाएगा, सभी अपने-अपने कार्यक्रम आयोजित करते हैं.