चारा घोटाले को लेकर पहली याचिका दाखिल करनेवालों में मैं भी था
पटना : चारा घोटाले को लेकर पहली याचिका दाखिल करनेवालों में मैं भी था. आज उसी के खिलाफ भाजपा नेता सुशील मोदी आरोप लगा रहे हैं. पता नहीं मोदी को इतनी बेचैनी क्यों है. 22 नवंबर को रांची हाइकोर्ट में सीबीआइ को शपथ पत्र दाखिल करना है, उसके बाद सब कुछ सामने आ जायेगा.
ये बातें रविवार को जदयू सांसद शिवानंद तिवारी ने संवाददाता सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले पर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए. जब लालू प्रसाद जैसे कद्दावर नेता को कोर्ट सजा दे सकती है, तो फिर और कौन बच सकता है. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी को धीरज नहीं है.
वे कभी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बना कर बिहार का सीएम बनना चाहते थे. नरेंद्र मोदी के यहां उनका सीआर खराब हो चुका है. उसे ठीक करने के लिए रोज बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि 46 वर्षो से राजनीति में हूं, लेकिन पटना में अपना मकान नहीं है. जो मकान था भी, उसे बेटी की शादी में बेच दिया. यही नहीं, जीवन चलाने के लिए मैंने फुटपाथ पर कपड़ा बेचा. मोदी मेरे खिलाफ ओछी बातें कर रहे हैं. दरअसल उन्होंने आरएसएस की ट्रेनिंग ले रखी है.
नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत झगड़ा नहीं : नरेंद्र मोदी के बारे में उन्होंने कहा कि उनसे मेरा कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है. वे चाय बेचनेवाले के बेटे हैं, अतिपिछड़ा वर्ग से हैं, ऐसे में उनका शुभचिंतक हूं, लेकिन उनके सिद्धांत और विचारधारा क्या है? वे सिर पर मैला ढोने की प्रथा का यह कह कर समर्थन कर चुके हैं कि यह काम पीढ़ी–दर–पीढ़ी करती आ रही है. इस काम में उन्हें अध्यात्मिक आनंद मिलता है.
तब दक्षिण भारत में उन्हें जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा था. उनके हिंदू राष्ट्रवाद का मैं विरोध करता हूं. इसी हिंदू राष्ट्रवाद के कारण देश का विभाजन हुआ था. पटना में राष्ट्रपति का कार्यक्रम हुंकार रैली को डैमेज करने के लिए तय किया गया है क्या, इस पर उन्होंने कहा कि इससे बिहार सरकार का कोई लेना–देना नहीं है. वह उनका कार्यक्रम है.