पटना : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भाजपा की असली चाबी आरएसएस के हाथ में होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि 2014 का लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ नहीं बल्कि कांग्रेस और आरएसएस के बीच होगा. जयराम ने भूमि अधिग्रहण कानून और खाद्य सुरक्षा कानून को लेकर यहां संवाददाताओं से आरोप लगाया कि भाजपा की असली चाभी आरएसएस के हाथ में है और कहा कि कहा कि 2014 का लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ नहीं बल्कि कांग्रेस और आरएसएस के बीच होगा.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘चाभी घुमाती है आरएसएस और नाचती है भाजपा. हमने देखा है कि पिछले डेढ सालों में भाजपा में जो कुछ हुआ है वह आरएसएस के कहने पर हुआ है.’’आरएसएस और भाजपा की चुनावी रणनीति उत्तर प्रदेश और बिहार में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने और उसे बरकार रखना है और इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश मुजफ्फरनगर में हुए दंगे से हुई है.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना जयराम ने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार द्वारा जो प्रशासन और सुशासन के मुद्दे उठाए जा रहे हैं वह तो एक मुखौटा हैं, असली बात सांप्रदायिक धुव्रीकरण की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी विचारधारा और अपनी उपलब्धियों के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी.
जयराम ने कहा कि कांग्रेस ही देश का एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल है जो सभी राज्यों में मौजूद और मुकाबले की स्थिति में है. उन्होंने कहा कि भाजपा विकास के जिस गुजरात माडल के अनोखा होने का दावा कर रही है और उसके बारे यह कहा जा रहा है उसे हर राज्य में लागू किया जाना चाहिए, लेकिन हकीकत यह है कि वहां सामाजिक क्षेत्र के आंकडे बिगडे हुए हैं.
जयराम ने कहा कि गुजरात में जो औद्योगिकीकरण और शहरीकरण हुआ वह वर्ष 2000 के पहले की बात है और इन दोनों मामले में आज भी देश में दूसरे-तीसरे स्थान पर है. उन्होंने कहा कि गुजरात के विकास मॉडल का ढिंढोरा पीटा जा रहा है वह हकीकत से परे है. प्रति व्यक्ति आय के मामले में गुजरात देश में नौवें स्थान पर है. रमेश ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि टूजी स्पेक्ट्रम मामले में कैग उसके लिए भगवान कृष्ण हैं, लेकिन गुजरात के कुपोषण के मामले में वह खलनायक कैसे बन गयी.
उन्होंने कहा कि टूजी मामले में भाजपा कैग को उंचाई पर बिठाती है और जब गुतरात के कुपोषण के बारे में उसकी रिपोर्ट आती है तो उसके बारे में यह कहती है उसने अपना काम सही नहीं किया. जयराम ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में हर तीन बच्चों में से एक बच्चा कुपोषण का शिकार है और लिंग अनुपात में उस प्रदेश की तुलना बिहार से की जाए, जहां प्रति एक हजार पुरुष पर 920 महिलाएं मौजूद हैं. वहीं, गुजरात में इसका अनुपात मात्र 880 है, जो गुजरात में महिला सशक्तिकरण को दर्शाता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री को आजकल ‘शौचालय’ से प्रेम हो गया है, लेकिन हकीकत यह है कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक वहां मात्र 34 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को शौचालय उपलब्ध थे, जबकि राज्य सरकार ने उसे बढाकर 84 प्रतिशत बताया था. जयराम ने कहा कि गुजरात में विकास वर्ष 2000 के पहले की स्थिति में आज भी है और वह किसी एक व्यक्ति के कारण नहीं बल्कि इसका श्रेय वहां के पूरे समाज को जाता है क्योंकि उनके खून में व्यापार बहता है.