पटना: सरकार राजधानीवासियों से टैक्स तो शहर के हिसाब से वसूलती है, लेकिन उन्हें गांव जैसी सुविधाएं दी जा रही है. मामला पॉश इलाके बोरिंग रोड से सटे मोहल्ले शिवपुरी का है. इस मोहल्ले की आबादी लगभग 50 हजार है. सरकार को लाखों रुपये टैक्स के रूप में अदा करने के बावजूद इन्हें अब तक वाटर सप्लाइ लाइन की भी सुविधा मुहैया नहीं करायी गयी.
यहां शाम ढलते ही लो वोल्टेज की शिकायत शुरू हो जाती है. यही नहीं, मोहल्ले को जोड़नेवाली रेलवे लाइन की बगल की सड़क भी खस्ताहाल है. इन शिकायतों को लेकर स्थानीय लोगों ने विधायक व पार्षद से लेकर अधिकारियों तक कई बार गुहार लगायी, मगर इन्हें समाधान के नाम पर अब तक आश्वासन ही मिलता रहा. समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है.
वाटर सप्लाइ प्रमुख समस्या
स्थानीय निवासियों के मुताबिक इस मुहल्ले में 40-45 साल से लोग रह रहे हैं, मगर अब तक वाटर सप्लाइ पाइप तक नहीं बिछाया गया. मजबूरन हर घर में बोरिंग करानी पड़ी. कहीं भी सार्वजनिक चापाकल नहीं होने से बिजली गुल होने की स्थिति में भीषण पेयजल संकट ङोलना पड़ता है. आस-पास के मुहल्ले महेश नगर व पुनाईचक में वाटर सप्लाइ पाइप बिछा है, मगर शिवपुरी में सुविधा नहीं. जलापूर्ति के लिए 13 मई, 2010 को पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखा गया.
बेली रोड-दीघा सड़क बदहाल
बेली रोड से दीघा तक रेलवे लाइन के किनारे सड़क बनी है, पर इसकी हालत खराब है. लोगों का कहना है कि बोरिंग रोड पर चार पहिया वाहनों का अधिक दबाव रहता है. अगर यह सड़क अच्छी हो जाय, तो शिवपुरी सहित कई मुहल्ले में रहनेवाले लोगों को आसानी होगी. खास कर मोहनपुर पुनाइचक रेलवे क्रॉसिंग के पास कच्ची सड़क होने से दिक्कत होती है. लोगों की आपत्ति गलियों की नंबरिंग नहीं होने को लेकर भी है. उनका कहना है कि किसी गली का नंबर नहीं होने के चलते अपार्टमेंट या घर के नाम से पता लिखाना पड़ता है. इसके चलते अधिकांश बार डाक विभाग या कूरियर से चिट्ठी नहीं मिल पाती. मुहल्ले में दो-तीन बड़े मैरेज हॉल खुलने से भी लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.