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रंजीत का साला करता था सप्लाइ

पटना: फर्जी स्टांप कारोबार में गिरफ्तार रंजीत ने अपने साले श्याम कुमार के साथ कई अन्य संबंधियों को भी इस काम में लगा रखा था. दूसरे राज्यों के लाइसेंसी वेंडर व कारोबारी से डिलिंग रंजीत करता था, लेकिन माल की आपूर्ति श्याम करता था. गोरखपुर के श्याम ने यूपी में भी कई जिलों में अपना […]

पटना: फर्जी स्टांप कारोबार में गिरफ्तार रंजीत ने अपने साले श्याम कुमार के साथ कई अन्य संबंधियों को भी इस काम में लगा रखा था. दूसरे राज्यों के लाइसेंसी वेंडर व कारोबारी से डिलिंग रंजीत करता था, लेकिन माल की आपूर्ति श्याम करता था. गोरखपुर के श्याम ने यूपी में भी कई जिलों में अपना धंधा फैला रखा था. उसने दर्जनों यूपी के लाइसेंसी वेंडरों के नामों का खुलासा हुआ है. मोबाइल फोन में भी ऐसे वेंडरों के नंबर मिले हैं. पुलिस की विशेष टीम जालसाजों को गिरफ्तार करने यूपी जायेगी.

तीन साल से कर रहा था धंधा: पूछताछ में रंजीत ने खुलासा किया है कि इस गोरखधंधे में वह करीब तीन साल से लगा हुआ था. इस कारोबार में उसने करोड़ों रुपये कमाया है. इन पैसों से रंजीत व श्याम ने गोरखपुर व आसपास के इलाकों में कीमती जमीनें खरीदी हैं. पुलिस इसकी जांच कर रही है. रंजीत का बचपन पटना सिटी के खाजेकलां इलाके में बीता है. यहां से उसने दसवीं की परीक्षा पास की थी. पिता राम किशुन राम पटना नगर निगम में सफाई निरीक्षक थे. बड़ा भाई भी नगर निगम में कर्मचारी है. पटना सिटी में ही उसने कारोबार के गुर सीखे थे.

बड़ा आदमी बनने की थी चाहत: बचपन से ही रंजीत को बड़ा आदमी बनने का शौक था. इसी शौक को पूरा करने के लिए उसने जालसाजी का साम्राज्य कुछ ही समय में खड़ा कर लिया था. उसकी बातों को अगर सच मान लिया जाये तो महीने में एक करोड़ के हिसाब से 36 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुका है. इतने रुपये उसने कहां छिपा रखे हैं? इसका अब तक खुलासा नहीं हो पाया है.पटना में भी उसने कहां-कहां रुपये लगा रखे हैं. इसके बारे में भी पुलिस अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. रंजीत व उसके साथियों से आर्थिक अपराध इकाई संपत्तियों के बारे में पता लगा रही है. इनकी संपत्ति भी कुर्क की जायेगी.

अर्जुन भी है बड़ा खिलाड़ी: इसी गोरखधंधे का एक दूसरा खिलाड़ी है अर्जुन सिंह. अर्जुन का पूरा परिवार इस गोरख धंधे में लगा हुआ है. अर्जुन भी करोड़ों के स्टांप के साथ पहले भी दो बार गिरफ्तार हो चुका है. जब वह जेल में था तब भी उसका धंधा बंद नहीं हुआ था. वह अपनी पत्नी लीला देवी से यह धंधा करवा रहा था.

लीला को भी पुलिस ने गर्दनीबाग इलाके से 30 मई, 2011 को 34 लाख रुपये जाली स्टांप के साथ गिरफ्तार किया था. अर्जुन दो बार जेल गया. एक बार वह सात महीने तक जेल में रहा,जबकि दूसरी बार मात्र साढ़े तीन महीने में ही जेल से जमानत पर निकल गया. इस बार जेल से छूटने के बाद उसने इलाका बदल दिया. रंजीत से हाथ मिला कर वह इस धंधे में शामिल हो गया था. पहले वह एक्जीबिशन रोड से शेखर प्रियदर्शी के साथ मिल कर धंधा करता था. शेखर व अजर्रुन को पुलिस ने 3 दिसंबर, 2011 को एक करोड़ से अधिक के जाली स्टांप के साथ गिरफ्तार किया था.

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