पटना: पटना में मेट्रो की सवारी करने का सपना जल्द साकार होगा. मेट्रो रेल दो चरणों में दौड़ाने पर सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर निर्णय ले लिया है. पहले फेज में दानापुर से मीठापुर तक अंडरग्राउंड मेट्रो चलेगी. दूसरे चरण में दीदारगंज से फुलवारीशरीफ तक मेट्रो को चलाने की योजना है.
पटना सिटी इलाका राष्ट्रीय धरोहर क्षेत्र के रूप में घोषित है, इसलिए वहां अंडर ग्राउंड मेट्रो नहीं चलेगी. घनी आबादी के कारण वहां कैसे मेट्रो जायेगी, इस पर निर्णय नहीं हो सका है. शुक्रवार को नगर विकास विभाग और राइट्स ने मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा के समक्ष प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया.
54 किमी लंबा होगा प्रोजेक्ट
मुख्य सचिव ने बताया कि राइट्स दिसंबर तक डीपीआर बिहार सरकार को सौंपेगी. इसके बाद सरकार उस पर निर्णय लेगी. उन्होंने बताया कि मेट्रो परियोजना का निर्माण लोक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर कराया जायेगा. डीपीआर मिलने के बाद ही पता चल पायेगा कि इसके लिए कितनी राशि की जरूरत होगी. हालांकि एक अनुमान के अनुसार इस परियोजना पर कुल 1800 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है. मेट्रो रेल 54 किमी लंबी होगी. मुख्य सचिव ने स्पष्ट कर दिया कि पटना मेट्रोपोलिटन सिटी का दावेदार बन गया है. इसलिए योजना आयोग से स्वीकृति लेने में कोई परेशानी नहीं होगी.
दो जगह बनेंगे डिपो
कंसेप्ट प्रजेंटेशन के अनुसार दानापुर से लेकर मीठापुर तक अंडरग्राउंड मेट्रो पथ होगा. दानापुर से इनकम टैक्स तक अंडर ग्राउंड रहेगा इसके बाद वहां से दाहिनी ओर मुड़ जायेगा, जो मीठापुर चौक तक जायेगा. दूसरा पथ दीघा से सचिवालय तक रेलवे लाइन की बगल में एलिवेटेड पथ होगा. डाकबंगला से गांधी मैदान होते हुए गांधी सेतु वाया पीएमसीएच, पटना विवि, प्रेमचंद रंगशाला, दिनकर चौराहा , राजेंद्र नगर, गांधी सेतु होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर डीपो तक जायगी. यह अंडर ग्राउंड पथ होगा. मेट्रो का डीपो पटना-गया रोड पर अंतरराज्यीय बस अड्डा व मीठापुर में बनाया जायेगा. मौके पर नगर विकास सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, पथ निर्माण सचिव प्रत्यय अमृत व राइट्स के प्रतिनिधि मौजूद थे.