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अधिकारी ने अपहरण के बाद की दोस्त की हत्या

पटना : बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी करनेवाले छात्र नागेंद्र प्रसाद का अपहरण करने के बाद उसके दोस्त अशोक कुमार ने उसकी हत्या कर शव को गंगा में फेंक दिया. कंकड़बाग की पीसी कॉलोनी से आठ सितंबर को उसका अपहरण किया गया था. दोस्त अशोक कुमार हाल ही में ग्रामीण विकास पदाधिकारी (आरडीओ) के पद […]

पटना : बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी करनेवाले छात्र नागेंद्र प्रसाद का अपहरण करने के बाद उसके दोस्त अशोक कुमार ने उसकी हत्या कर शव को गंगा में फेंक दिया.

कंकड़बाग की पीसी कॉलोनी से आठ सितंबर को उसका अपहरण किया गया था. दोस्त अशोक कुमार हाल ही में ग्रामीण विकास पदाधिकारी (आरडीओ) के पद पर चयनित हुआ है.

इसका खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने रोहतास निवासी अशोक कुमार के अलावा वीरू (बेऊर) मनीष कुमार (मंदिरी) को गिरफ्तार किया. अशोक ने कांट्रेक्ट किलरों अजय यादव और लल्लू तिवारी को नागेंद्र की हत्या के लिए दो लाख की सुपारी दी थी.

फिलहाल दोनों फरार हैं. वीरू वन विभाग के पाटलिपुत्र कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर है, जबकि मनीष बांस घाट में शव को जलाने का काम करता है. वीरू ने ही अशोक को अजय यादव लल्लू तिवारी से भेंट करवायी थी. इसके बाद अशोक ने योजना के तहत नागेंद्र को बहलाफुसला कर मंदिरी लाया.

नागेंद्र अपनी मोटरसाइकिल से ही घर से निकला था. मंदिरी में सभी पहले से तैयार थे. नागेंद्र को लेकर अशोक के वहां पहुंचने के बाद सभी नागेंद्र को बांस घाट से बंदरवा की नाव से बीच गंगा में ले गये, जहां उन्होंने नागेंद्र के सिर में गोली मार कर हत्या कर दी और फिर शव को गंगा में बहा दिया गया. पुलिस ने बंदरवा को भी हिरासत में लिया है, जिसने घटना की पुष्टि की है.

एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि अशोक ने अपनी संलिप्तता को स्वीकार कर लिया है. फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.

गोपालगंज के बहथरी, भोपतापुर का निवासी नागेंद्र प्रसाद पीसी कॉलोनी के सेक्टर में किराये के मकान में रहता था और बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी करता था. सात साल से उसकी मित्रता पीसी कॉलोनी के के सेक्टर में रहनेवाले अशोक से थी. नागेंद्र के भाई ने बताया कि नागेंद्र ने भी बीपीएससी मेंस पास किया था. उसने इंटरव्यू पास करने के लिए अशोक को चार लाख रुपये दिये थे. जब नागेंद्र का नहीं हुआ, तो उसने पैसे की मांग की.

वहीं, अशोक ने कहा कि मैंने ओबीसी होते हुए भी एससी के प्रमाणपत्र पर परीक्षा पास की है. इसकी जानकारी नागेंद्र को थी, जिसको लेकर वह मुझे ब्लैकमेल कर रहा था. इसलिए मैंने उसकी हत्या करवायी.

आठ सितंबर को अशोक अपने साथ नागेंद्र प्रसाद को लेकर गया. उसके बाद से नागेंद्र लापता हो गया. उसका मोबाइल फोन जब स्विच ऑफ बताने लगा, तो उसके भाई जीतेंद्र गुप्ता ने कंकड़बाग थाने में नौ सितंबर को गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया. लेकिन, किसी प्रकार की जानकारी जब परिजनों को नहीं मिली, तो उन्होंने नागेंद्र के अपहरण की प्राथमिकी 17 सितंबर को दर्ज करायी. इसमें अशोक पर अपहरण करने की शंका जाहिर की गयी थी.

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