निजी कंपनियां करेंगी पुलों की सफाई व लाइटिंग
पटना : पुलों पर लाइट, साफ –सफाई, डेंटिंग–पेंटिंग व विज्ञापन आदि का काम अब निजी कंपनियां देखेंगी. इसे पब्लिक–प्राइवेट–पार्टनरशिप यानी पीपीपी मोड पर कराने का निर्णय लिया गया है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम इसके लिए नीति बना रहा है.
लाइटिंग सबसे बदहाल
बिहार में आठ वर्षो में बड़ी संख्या में पुलों के निर्माण हुए हैं. मुख्यमंत्री सेतु योजना के तहत 72 पुल व दो महासेतुओं का निर्माण किया गया है. इन पर आवागमन भी शुरू हो चुका है, लेकिन इनकी साफ–सफाई व डेंटिंग–पेंटिंग का काम नहीं हो रहा. महात्मा गांधी सेतु की डेंटिंग पेंटिंग का काम 30 साल बाद 2011-12 में कराया गया था.
वहीं, अन्य पुलों की डेंटिंग–पेंटिंग का काम अब तक नहीं हुआ है. पुलों की साफ–सफाई का काम भी नहीं हो रहा. सबसे बदहाल स्थिति पुलों पर लाइटिंग की है. महात्मा गांधी सेतु की लाइटिंग का जिम्मा दो जिलों क्रमश: वैशाली व पटना को मिला है. इसके बावजूद गांधी सेतु आये दिन अंधेरे में डूबा रहता है. कभी पटना साइड के हिस्से पर बत्ती गुल रहती है, तो कभी वैशाली साइड में.