पटना: नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार जाति-धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि अपने कर्मो व योग्यता के आधार पर बने हैं. देश व बिहार की राजनीति को जातीयता से ऊपर उठना होगा. ये बातें सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राजीव प्रताप रुडी ने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री के 100वें जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहीं. समारोह का आयोजन ‘कबीर के लोग’ नामक संस्था ने किया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब ब्लॉगर हो गये हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं चल रहा कि देश में हवा किसकी चल रही है.
27 अक्तूबर की हुंकार रैली में उन्हें हवा की चाल का पता चल जायेगा. नीतीश कुमार बिहार के लिए स्पेशल पैकेज मांगने दिल्ली दरबार में जा रहे हैं, लेकिन निराश हो रहे हैं. जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे, तो बिहार के किसी मुख्यमंत्री को दिल्ली दरबार में हाजिरी नहीं लगानी होगी. तब बिहार को स्पेशल पैकेज मिलेगा. उन्होंने स्वीकार किया कि 60 वर्षो में समाज के दबे-कुचले तबके को जो मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला. 100 करोड़ की आबादीवाले देश के नेता 15 करोड़ की अधिक फिक्र कर रहे हैं. यही वजह है कि समाज में विषमता आयी है. देश के 250 जिले ऐसे हैं, जहां कोई राजनेता जल्दी जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता.
चल रहा लीडर-डीलर का खेल : पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा अनुसूचित जाति मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय पासवान ने कहा कि देश में आज लीडर-डीलर का खेल चल रहा है. पासवान समाज ने सदैव देश, धर्म और धरती को बचाने के लिए अपनी कुरबानी दी है. आगे भी यह समाज पीछे नहीं रहेगा. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हालिया कथन ‘देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है’ पर उन्होंने कहा कि यदि वे कहते कि देश की संपत्ति पर पहला हक गरीबों का है, तब बात समझ में आती, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के तहत वे इस तरह का बयान देने को बाध्य हैं. रामविलास पासवान का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि एक नेता बिहार का मुख्यमंत्री किसी मुसलिम को बनाने पर आमादा थे. उनकी इस शर्त ने उनकी लुटिया डुबो दी. लालू प्रसाद का भी उन्होंने नाम नहीं लिया और कहा कि सूबे के एक पूर्व सीएम कहते थे कि बिहार एमवाइ के कंधों पर चल रहा है, आज वे कहां हैं, सभी जानते हैं. भाजपा को भी उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि उसे भी बोलना होगा कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार दलितों का है. उन्होंने कहा कि देश के मुसलमान आज परेशान हैं, किंतु यथार्थ नहीं समझ पा रहे हैं.
उन्होंने लोगों से नरेंद्र मोदी को एक बार मौका देने की अपील की. अभी 10 प्रतिशत दलितों का वोट मिल रहा है, किंतु नरेंद्र मोदी को कम-से-कम 90 प्रतिशत वोट मिलेगा. उन्होंने कहा कि दल में दलित और दलित में दल हो. राजनीति में दोतरफा संवाद हो. विधान पार्षद हरेंद्र प्रताप ने कहा कि पासवान समाज ने किसी दबाव या लालच में कभी धर्म परिवर्तन नहीं किया. दुसाध जाति का मतलब है-दुख में साथ देनेवाली जाति, कठिन काम करनेवाला समाज. आज दलितों को वोट की खातिर बांटा जा रहा है.
नरेंद्र मोदी को 60 प्रतिशत युवा पीएम के रूप में देखना चाहते हैं, किंतु कुछ नेता इसे सुनने को तैयार नहीं हैं, उन्हें यह सच सुनाना पड़ेगा. बिहार भाजपा के राष्ट्रीय सह प्रभारी विनोद पांडेय ने कहा कि जाति से आज की राजनीति को ऊपर उठना होगा. समारोह को पूर्व सांसद वीरचंद पासवान, विधायक अच्युतानंद, कन्हैया रजवार, संजय टाइगर, अनामिका शंकर, जयप्रकाश अग्रवाल, लेखक एचएन तुषार, वीरेंद्र पासवान, अशोक पासवान व पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल एन सिन्हा ने भी संबोधित किया.
इधर, राष्ट्रीय दुसाध महासभा द्वारा श्रीकृष्ण चेतना परिषद हॉल में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र पासवान ने कहा कि शास्त्री जी ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रवक्ता मोहम्मद इलियास हुसैन ने कहा कि युवाओं को उनके बताये सच्चे व आदर्श मार्गो पर चलने की जरूरत है. मौके पर प्रो रामानुज प्रसाद, एजाज अहमद, द्वारिका पासवान, निराला यादव, देवमुनी सिंह यादव व सुरेंद्र पासवान आदि उपस्थित थे. अखिल भारतीय दुसाध न्याय संघर्ष मोरचा द्वारा शास्त्री जी की जयंती प्रधान कार्यालय कन्हैया नगर में मनायी गयी. राष्ट्रीय अध्यक्ष व्यास रामजी पासवान, नगीना आजाद, पासवान, राजकुमार पासवान, प्रमिला देवी, लल्लू, रामचंद्र वंशी, सुनीता देवी आदि ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.