पटना: अगले साल बरसात पूर्व तटबंध मरम्मत के लिए जल संसाधन विभाग ने फ्लड कैलेंडर जारी कर दिया है. विभाग के अधीन 3,643 किमी लंबे तटबंध की मरम्मत के लिए काम शुरू कर दिया गया है. 23 सितंबर तक कटाव निरोधक समिति को तटबंधों का निरीक्षण कर लेना है.
इस साल के लिए बना फ्लड कैलेंडर आगे के वर्षो में भी इस तिथि के अनुसार ही काम करेगा. कैलेंडर के अनुसार सभी योजनाओं का चयन कर एक अक्तूबर तक तकनीकी सलाहकार समिति के समक्ष पेश कर देना है. 12.50 करोड़ से अधिक की योजनाओं को तकनीकी मंजूरी के लिए गंगा बाढ़ नियंत्रण पर्षद के समक्ष भेजा जायेगा. कोसी व गंडक नदी के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति अपनी अनुशंसा योजना सलाहकार समिति के समक्ष 24 अक्तूबर तक देगी. 10 नवंबर को बिहार राज्य बाढ़ नियंत्रण पर्षद की बैठक होगी. पर्षद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं.
जबकि, इसके सदस्यों में वित्त मंत्री, जल संसाधन मंत्री, योजना मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री, मुख्य सचिव, वित्त विभाग के प्रधान सचिव, विकास आयुक्त, अभियंता प्रमुख, जीएफसीसी के अध्यक्ष, पूमरे के मुख्य अभियंता, पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य अभियंता होते हैं. कमेटी में सदस्य सचिव जल संसाधन के प्रधान सचिव होते हैं. योजनाओं की लागत मूल्य के अनुसार उसकी स्वीकृति के लिए जिम्मेवारियां तय कर दी गयी हैं. ढाई करोड़ तक की योजना को विभागीय सचिव, 10 करोड़ तक विभागीय मंत्री, 20 करोड़ तक विभागीय मंत्री व वित्त मंत्री और 20 करोड़ से अधिक की योजनाओं को मंत्रिमंडल से पारित कराना होगा.
गुणवत्ता पर रहेगी नजर
तटबंध मरम्मत की गुणवत्ता बरकरार रहे, इसके लिए विशेष टीम का गठन किया जायेगा. मुख्य अभियंता अपने-अपने क्षेत्र के अधीन विशेष जांच दल का गठन करेंगे. इन कमेटियों के अध्यक्ष सेवानिवृत्त अभियंता प्रमुख / मुख्य अभियंता या अधीक्षण अभियंता होंगे. कार्य समय पर पूरा हो, इसके लिए मुख्य अभियंता के अलावा मुख्यालय स्तर पर नियमित तौर पर समीक्षा की जाती रहेगी.