पटना: बियाडा के तर्ज पर निजी औद्योगिक क्षेत्र के गठन में राज्य सरकार 50 करोड़ रुपये तक की मदद अनुदान के रूप में देगी. यह राशि औद्योगिक क्षेत्र में आधारभूत संरचना के निर्माण पर खर्च होगी. इसका 30 फीसदी सरकार देगी, जो अधिकतम 50 करोड़ रुपये होगा. इसमें यह भी देखा जायेगा कि आधारभूत संरचना के निर्माण में जो खर्च दिखाया गया है, वह बियाडा में इस मद में होनेवाले प्रति एकड़ खर्च के से अधिक न हो. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति होगी, जो आधारभूत संरचना निर्माण के तैयार की गयी डीपीआर व मास्टर प्लान को मंजूरी देगी.
इसके बाद ही चार किस्तों में अनुदान दिया जायेगा. जैसे-जैसे निर्माण होगा, अनुदान की राशि किस्तों में दी जायेगी. निजी औद्योगिक क्षेत्र के गठन पर कैबिनेट में स्वीकृति दे दी है. इसकी अधिसूचना जारी होते ही यह राज्य में लागू हो जायेगा. अधिसूचना जारी करने की तैयार हो चुकी है. इस औद्योगिक क्षेत्र के संचालन का पूरा अधिकार निजी हाथों में ही होगा.
एसपीवी ही बनायेगा डीपीआर
उद्यमियों का समूह निजी औद्योगिक क्षेत्र का गठन करेगा. इसके लिए उन्हें स्पेशल प्रपोज वैकल (एसपीवी) का गठन करना होगा. जमीन का मालिकाना हक इसी एसपीवी को स्थानांतरित करना होगा. राज्य सरकार से सैद्धांतिक सहमति लेने के बाद एसपीवी कार्य शुरू करेगा. एसपीवी ही डीपीआर व फिर मास्टर प्लान तैयार करेगा. निजी औद्योगिक क्षेत्र में कम-से-कम 25 एकड़ भूमि होगी. निजी औद्योगिक क्षेत्र की भूमि उद्यमियों को आवंटित होगी. आवंटन एसपीवी द्वारा किया जायेगा.
भू-धारियों को 10 फीसदी जमीन
निजी औद्योगिक क्षेत्र में 10 फीसदी जमीन भू-धारियों को मिलेगी. इस 10 फीसदी क्षेत्र का आवंटन भू-धारी अपनी इच्छानुसार जिसे चाहें देंगे.
बनेगा डेवलपमेंट रिजर्व फंड
उद्यमियों को जमीन आवंटन में जो भी राशि मिलेगी, उसका पांच फीसदी हिस्सा डेवलपमेंट रिजर्व फंड में जमा होगा. इस राशि का उपयोग निजी औद्योगिक क्षेत्र के आधारभूत संरचना की मरम्मती व इसके विकास में होगा. एसपीवी व वहां के उद्यमियों के प्रतिनिधि मिल कर तय करेंगे कि कहां पर मरम्मत व विकास की जरूरत है. वही राशि खर्च होगी.