– शिव कुमार राउत –
कोलकाता : राज्य काहेल्थ ट्रांसपोर्ट विभाग ड्राइवरों की कमी से जूझ रहा है. 10 वर्षो से इस विभाग में ड्राइवरों की नियुक्ति नहीं हुई है. ड्राइवरों की संख्या कम होने से स्वास्थ्य विभाग के कई वाहन पड़े–पड़े खराब हो रहे हैं.
वहीं ड्राइवरों पर भी दबाव बढ़ रहा है. विभाग उन्हें बगैर छुट्टी दिये लगातार काम लेता है.
सूत्रों के अनुसार, हर तीन साल में तीन से चार ड्राइवर रिटायर हो जाते हैं. उनकी जगह दूसरे ड्राइवर की नियुक्ति नहीं की जा रही है. हेल्थ ट्रांसपोर्ट विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हेल्थ परिवहन विभाग के पास कुल 1378 वाहन हैं.
इनमें से दो हजार वाहन कोलकाता व अन्य वाहन राज्य के विभिन्न जिलों के अस्पतालों में हैं. इन वाहनों को चलाने के लिए मात्र 1150 ड्राइवर हैं, जबकि और 340 ड्राइवरों की जरूरत है.
दो वर्ष पहले अस्थायी रूप से लगभग 50 ड्राइवरों को नियुक्त किया गया था, लेकिन स्थायी रूप से एक भी नियुक्ति नहीं हुई है. स्वास्थ्य विभाग के पास लगभग 320 एंबुलेंस हैं, जो 24 घंटे 365 दिन चलते हैं. एक एंबुलेंस को चलाने के लिए दो ड्राइवरों की आवश्यकता है, लेकिन ड्राइवरों की कमी से ऐसा नहीं हो पाता है और एक ड्राइवर को लगभग 15 से 16 घंटे काम करना पड़ता है.
178 वहान खराब
दो वर्षो में विभाग को विभिन्न एनजीओ से दान स्वरूप लगभग 400 वाहन मिले हैं. अब स्वास्थ्य विभाग के पास लगभग 1378 वाहन हैं. ड्राइवरों की कमी से पांच वर्षो में लगभग 178 वाहन खराब हो चुके हैं.
रख–रखाव पर भारी खर्च
अधिकारी ने बताया कि 2012-13 में वाहनों के रख–रखाव पर लगभग 1.2 करोड़ रुपये खर्च किया गया था. इन वाहनों के रख–रखाव व चलाने के लिए हर साल कम से कम दो करोड़ रुपये की जरूरत है, लेकिन यह रकम ट्रांसपोर्ट विभाग को नहीं मिल पाती है. इसके कारण वाहनों को चलाना और भी कठिन होता जा रहा है. राज्य सरकार ने नये रूप से आठ जिलों को स्वास्थ्य जिला के रूप में घोषित किया है, जिसके कारण उक्त वाहनों की उपयोगिता और बढ़ गयी है.
वाहनों की उपयोगिता
वाहनों को मेडिकल कॉलेज, सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य भवन में काम करनेवाले अधिकारियों व वरिष्ठ चिकित्सकों के यातायात के लिए उपयोग में लाया जाता है. इसके अलावा ग्रामीण अस्पतालों से एंबुलेंस के जरिये मरीजों को बड़े अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए इन वाहनों का उपयोग किया जाता है. अन्य जरूरी कार्यो में भी इस्तेमाल होता है.
स्वास्थ्य विभाग के जन संपर्क अधिकारी सुमन विश्वास ने बताया कि विभाग को इन दिनों ड्राइवरों की कमी ङोलनी पड़ रही है. इस समस्या के समाधान के लिए जल्द विभाग की ओर से ड्राइवरों की नियुक्ति की जायेगी.