पटना: राज्य के 40 पार के 75 फीसदी अधिकारी बीमार हैं. यह जानकारी सरकार को अधिकारियों की मेडिकल फिटनेस रिपोर्ट के आधार पर मिली है. सरकार ने यह तय कर रखा है कि 40 वर्ष से अधिक उम्रवाले अधिकारियों को अपने कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन ( पीएआर) में मेडिकल फिटनेस रिपोर्ट देनी होगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करने का प्रावधान है. यह बात अलग है कि पिछले वर्ष भी इसी तरह का प्रावधान था, लेकिन उसे जिम्मेवारी तय करने के मामले में लागू नहीं किया गया.
100 आइएएस को है डायबिटीज व ब्लड प्रेसर : आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा के कुल 326 स्वीकृत पदों में से 225 अधिकारी कार्यरत हैं. इनमें लगभग 193 अधिकारी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 40 वर्ष से ऊपर है. इनमें 175 अधिकारियों ने अपनी मेडिकल फिटनेस रिपोर्ट दी है.
इनमें 131 अधिकारी बीमार हैं. सूत्रों के अनुसार 131 अधिकारियों में से 100 ऐसे अधिकारी हैं, जो हाइ डायबिटीज तथा हाइ ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं. लगभग सभी अधिकारियों में एक कॉमन बीमारी है-गैस की. 10 अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें पार्किसन की बीमारी है. आश्चर्य तो यह है कि जितने भी प्रोन्नति कोटि से आइएएस बने हैं, उनमें इक्के – दुक्के को छोड़ सभी को कोई- न- कोई बीमारी है. रिपोर्ट के मुताबिक दो दर्जन अधिकारियों का बाइपास सजर्री हो चुका है.
80 आइपीएस की फिटनेस गड़बड़ : कमोबेश यही हाल आइपीएस अधिकारियों की है. आइपीएस के कुल 231 स्वीकृत पदों में 105 अधिकारी कार्यरत हैं. 75 से 80 ऐसे अधिकारी हैं, जिनकी फिटनेस रिपोर्ट गड़बड़ है. मुख्यालय स्तर पर तैनात लगभग सभी अधिकारियों को ब्लड प्रेशर व शुगर है. जहां तक क्षेत्रीय कार्यालयों यथा जोनल, रेंज व जिलों में तैनात अधिकारियों की बात है, तो इन क्षेत्रों में 58 अधिकारी तैनात हैं. इनमें 50 अधिकारी बीमार हैं. इस सेवा में भी प्रोन्नति से नियुक्त आइपीएस अधिकारियों के बीमार होने की संख्या ज्यादा है. सवाल यह उठाया जा रहा है कि बीमार अधिकारी कैसे लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रखेंगे.