पटना: एनआइटी मणिपुर में बिहार व अन्य राज्यों के छात्रों की पिटाई की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं. गुरुवार को एक बार फिर यहां के शिक्षकों व स्थानीय छात्रों ने मिल कर बिहार के छात्रों पिटाई की, जिसमें पटना, मनेर, जमुई, गोपालगंज के करीब आधा दर्जन छात्र घायल हो गये. इनके अलावा दिल्ली, उत्तरप्रदेश व आंध्रप्रदेश के भी कुछ छात्र जख्मी हुए हैं. यह जानकारी एनआइटी के कुछ छात्रों ने प्रभात खबर को फोन पर दी. छात्रों ने बताया कि उन्होंने बिहार के गृह सचिव व डीजीपी को इ-मेल भेज कर सुरक्षा की गुहार लगायी है.
इससे पहले 25 अगस्त को भी उनके साथ मारपीट हुई थी, जिसके संबंध में उन्होंने 27 अगस्त को बिहार के गृह सचिव इ-मेल भेजा था. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पीए से भी बात की थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला.
छात्रों के मुताबिक, गुरुवार की सुबह मणिपुर के छात्रों ने कुंदन (पटना) व परमेश्वर(आंध्रप्रदेश) की बेवजह पिटाई कर दी थी. इसके बाद दोपहर करीब दो बजे एक शिक्षक ने हॉस्टल में आकाश (गोपालगंज) का कॉलर पकड़ कर मारा. जब छात्रों ने इसका विरोध किया, तो स्थानीय छात्रों ने शिक्षकों की मदद से अन्य छात्रों के साथ मारपीट की. वहीं, देर शाम हॉस्टल से नये छात्रों को बाहर कर दिया गया. इस दौरान भी छात्रों व शिक्षकों के बीच बहस व मारपीट हुई थी. पूरे मामले में एनआइटी प्रशासन स्थानीय छात्रों के साथ खड़ा है.
भोजन को लेकर हुई थी बहस
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मेस में शुद्ध खाना व हॉस्टल की साफ-सफाई की मांग करने को लेकर बिहार व अन्य राज्यों के छात्र पहले से ही कॉलेज प्रशासन के निशाने पर थे. एक बार उन्होंने भूख हड़ताल भी की थी. 25 अगस्त की रात करीब साढ़े आठ बजे बिहार के कुछ छात्र मेस में खाना खा रहे थे. इसी दौरान उनकी मणिपुर के एक छात्र से खाने को लेकर बहस हो गयी. इसके बाद एनआइटी के डीन केएच मंगलेयम का बेटा सनाद 20 छात्रों के साथ वहां पहुंचा और आशुतोष (मनेर) व असद (बिहार) के साथ मारपीट की. सनाद कंप्यूटर साइंस में थर्ड इयर का छात्र है.
रैगिंग की झूठी शिकायत
जब छात्रों ने घटना की शिकायत एनआइटी के निदेशक से की, तो उन्होंने आशुतोष से कहा कि शिकायत करोगे, तो तुम पर ही कार्रवाई होगी. इसके बाद एनआइटी रैगिंग कमेटी के लोगों ने नये सत्र में एडमिशन लेनेवाले छात्रों पर दबाव डाल कर अभिषेक (उत्तरप्रदेश) व आशुतोष (मनेर) के खिलाफ शिकायत दर्ज करवायी. इसके बाद आशुतोष (मनेर) के घर पर नोटिस भेज दिया, जबकि जूनियर छात्रों ने डायरेक्टर से कहा था कि उन पर दबाव डालवा कर रैगिंग की शिकायत दर्ज करवायी गयी है.
क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा
छात्रों ने बताया कि गुरुवार की घटना के बाद क्लास पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. माहौल काफी खराब है. कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा. हमने 27 अगस्त को ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय व बिहार के गृह सचिव को इ-मेल किया था, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली. हमलोग घटना के बाद हॉस्टल अलग कर देने की मांग कर रहे हैं. डायरेक्टर पहले तो मान गये थे, पर अब तैयार नहीं हैं. कॉलेज प्रशासन विवाद के लिए हमें ही जिम्मेवार मान रहा है. क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा.
कब-क्या हुआ
25 अगस्त : दो बिहारी छात्रों से मारपीट. इसमें मणिपुर के 20 छात्रों के साथ एनआइटी डीन का बेटा भी शामिल था. डायरेक्ट के पास शिकायत करने गये छात्रों पर गॉर्ड ने ताना बंदूक.
27 अगस्त : एमएचआरडी व बिहार के गृह सचिव को इ-मेल भेजा गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पीए से छात्रों ने की बात. नहीं निकला कोई हल.
12 सितंबर : दो बार छात्रों के साथ मारपीट. शाम को जूनियर छात्रों (नये बैच) का हॉस्टल कराया गया खाली. छात्रों ने बिहार के गृह सचिव व डीजीपी को इ-मेल भेज कर सुरक्षा की गुहार लगायी.
बिहार के डीजीपी अभयानंद ने कहा कि इस संबंध में मणिपुर के डीजीपी एमके दास से फोन पर बातचीत हुई है. उन्होंने इस संबंध में कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. हम घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं.
मणिपुर एनआइटी के डायरेक्टर डॉ एस वीरेंद्र सिंह ने बताया कि बाहरी छात्र अनुशासन तोड़ते हैं. वैसे इस घटना की जांच चल रही है. गुरुवार को जो दो बार मारपीट हुई, वह आम घटना है.