पटना: इशरत जहां व भटकल मामले को लेकर जदयू और भाजपा के बीच जुबानी जंग जारी है. मुख्यमंत्री ने सुशील मोदी पर ज्ञानी होने का व्यंग्य क्या कसा, मंगलवार को मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में अकेली ‘ज्ञानी’ होने का सीएम ने भ्रम पाल लिया है. उन्होंने क हा, ऐसा लगता है जैसे ज्ञानी होने का एकमात्र ठेका मुख्यमंत्री के पास है. सच तो है कि सत्ता मद में वे इस कदर बौरा गये हैं कि अपने कथित ‘बड़े भाई’ लालू प्रसाद की भाषा बोलने लगे हैं. तथ्यों को झुठला कर दूसरों का उपहास उड़ाना कोई उनके जैसे ज्ञानी नेता से सीख सकता है.
उन्होंने फिर पूछा, ‘‘कथित आतंकी इशरत जहां को ‘बिहार की बेटी’ कह कर महिमा मंडित किसने किया था? फिर भटकल को ‘दामाद’ का दर्जा देने की बात पर इतना हाय-तौबा क्यों मचाया जा रहा है?’’ मोदी ने कहा कि पूरी जिंदगी कांग्रेस विरोध की राजनीति करनेवाले आज केंद्र सरकार से जुड़े हर मुद्दे पर चुप्पी साध ले रहे हैं.
क्या यह कुरसी का मोह नहीं है? कभी लालू प्रसाद कहा करते थे-‘आइटी-वाइटी’ क्या है. उसी तर्ज पर आज ‘चीं-चों- चें-चें’ जैसा कमेंट कर ट्विटर व सोशल नेटवर्किग साइटों की आलोचना की जा रही है. उन्होंने सीएम को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनमें हिम्मत है, तो यासीन भटकल के मुद्दे पर उठाये गये तमाम सवालों का जवाब दें.